नई दिल्ली (नेहा): बार फिर आंशिक शटडाउन की स्थिति में पहुंच गई है. अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और पहले से चल रहे मिशन भले ही जारी रहें, लेकिन बाकी ज्यादातर कामकाज पर ब्रेक लग गया है। इसका असर न केवल रिसर्च और नए मिशन की तैयारी पर पड़ा है बल्कि आम लोगों के साथ एजेंसी का जुड़ाव भी प्रभावित हुआ है।
दरअसल यह शटडाउन नासा की मर्जी से नहीं बल्कि अमेरिकी कानून के तहत हुआ है। जब भी बजट को लेकर राजनीतिक गतिरोध बढ़ता है, तब गैर-जरूरी कामकाज रोकना पड़ता है। नासा जैसी महत्वपूर्ण संस्था भी इससे अछूती नहीं रह पाती। यही वजह है कि हर बार इस तरह के रुकावटों से वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मेहनत पर पानी फिर जाता है।