नई दिल्ली (नेहा): बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद देश में रात भर विरोध प्रदर्शन और हमले हुए। इस दौरान कम से कम पांच जिलों में कई गाड़ियों को आग लगा दी गई। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सोमवार को शेख हसीना को पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों से संबंधित मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोपों में दोषी बताते हुए मौत की सजा सुनाई है।
अदालत ने हसीना और उनके दो शीर्ष सहयोगियों, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को भी दोषी ठहराया। मामून को क्षमादान दे दिया गया है, लेकिन अदालत ने कहा कि अपराधों की गंभीरता को देखते हुए, उन्हें हल्की सजा दी जाएगी। फैसला सुनाए जाने के बाद ढाका के धानमंडी 32 में सबसे ज्यादा हिंसक गतिविधियां देखी गई। हिंसा में सुरक्षाकर्मियों सहित कम से कम 50 लोग घायल हुए हैं। बांग्लादेश के संस्थापक और हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान का घर धनमंडी 32 में स्थित है।
प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकालते हुए कई हाईवे को ब्लॉक कर दिया है। इसके साथ ही देश के अन्य इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों के साथ झड़पें कीं हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियों, साउंड ग्रेनेड और आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। पिछले हफ्ते बांग्लादेश में 50 से ज्यादा आगजनी और देसी बम हमले हुए। इसमें कम से कम तीन लोग मारे गए। इसके अलावा, सोमवार देर रात किशोरगंज स्थित पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के घर पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई। हसीना को सजा सुनाए जाने के बाद, इस फैसले का जश्न मनाने के लिए इलाके में एक जुलूस निकाला गया, तभी 20-30 लोगों की भीड़ ने पूर्व राष्ट्रपति के घर पर हमला कर दिया।


