ढाका (नेहा): बांग्लादेश अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि देश में आम चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे। जुलाई 2024 में हुए जनविद्रोह के बाद शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। पांच अगस्त 2024 को हसीना सरकार गिर गई और वह भारत चली गईं। इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार ने देश में लोकतांत्रिक माहौल बहाल करने का वादा किया था। पिछले कई महीनों से बांग्लादेश में राजनीतिक दल नए सिरे से आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरिम सरकार की ओर से मैं मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र भेजकर अनुरोध करूंगा कि चुनाव आयोग आगामी रमजान से पहले फरवरी 2026 में संसदीय चुनाव कराए। रमजान का महीना अगले साल 17 या 18 फरवरी से शुरू होने वाला है। इससे पहले, बांग्लादेश में आम चुनाव अगले साल अप्रैल के पहले पखवाड़े में होने वाले थे। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार समर्थित हिंसा का एक और सुबूत सामने आया है। एक महिला ने दावा किया है कि हाल में हुई उसकी मां और भाई-बहन की हत्या में अंतरिम सरकार के स्थानीय सलाहकार आसिफ महमूद शोजिब भुइयां के पिता का हाथ है।
घटना तीन जुलाई की है। कुमिला जिले में हुई इस वारदात में रूमा अख्तर चाकू लगने से घायल हो गई थीं। वहीं, उनकी बहन तस्पिया जोनाकी, भाई मोहम्मद रसेल, और उनकी मां रुक्साना अख्तर रूबी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। सोमवार को ढाका में रूमा ने आसिफ महमूद के पिता बिलाल मास्टर की गिरफ्तारी की मांग उठाई और आरोप लगाया कि इस तिहरे हत्याकांड में वो शामिल थे। उन्होंने बंगरा बाजार पुलिस स्टेशन में 33 नामजद और 25 अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
बांग्लादेश के प्रमुख अखबार द डेली स्टार के अनुसार, रूमा हत्या वाले दिन कई बार 999 डायल करके पुलिस से मदद मांगी। लेकिन, पुलिस की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उनके परिवार और उनके कुछ पड़ोसियों के बीच एक इमारत के निर्माण को लेकर विवाद शुरू हुआ था।