विन्निपेग (पायल): पंजाबी साहित्य एवं सांस्कृतिक सोसायटी विन्निपेग ने मेपल कॉमन्स कॉलेजिएट 1330 जेफरसन एवेन्यू में श्रीमती परमिंदर कौर स्वैच द्वारा लिखित नाटक ‘बाल्डे बिरख’ का मंचन किया। इस नाटक की प्रस्तुति स्थानीय थिएटर ‘आर्ट 5-आब’ के निर्देशक ने की. बिक्रमजीत सिंह मोगा के निर्देशन में बनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत बालिका मुस्कान द्वारा महिला की कहानी पढ़कर की गई। इसके बाद दर्शन सिंह वांडर ने ‘बंबीहा बोले’ गाना गाया। श्रीमती जसवीर कौर मंगूवाल ने “मैं सिख हूं बाबा नानक” कविता पढ़ी। स. गुरतेज सिंह खोखर ने फाँसी पर भाषण दिया।
सभी कलाकारों ने अपनी भूमिका शिद्दत से निभाई और बिक्रम ने संगीत आदि से कई रंग भरे। दर्शकों ने कहा कि हम नाटक के साथ-साथ चलते रहे, कभी हंसते रहे तो कभी भावुक होकर रोते रहे। यह नाटक ड्रग और गैंगवार से संबंधित था, हमारे समुदाय के कई युवा इन लक्षणों के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। हर कोई अपने आस-पास हो रहे नाटक को महसूस कर सकता था। यह नाटक ड्रग और गैंगवार से संबंधित था, हमारे समुदाय के कई युवा इन लक्षणों के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। हर कोई अपने आस-पास हो रहे नाटक को महसूस कर सकता था।
नाटक ‘बाल्डे बिर्ख’ की शुरुआत के साथ ही पात्र भारत से कनाडा पहुंचता है और अपनी दुखद कहानी शुरू करता है। जिसमें पता चलता है कि कैसे वह अपनी बेहतर जिंदगी बनाने के लिए कनाडा आए और काम की तलाश में अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन यहां भी उसे उन्हीं बुरे हालातों का सामना करना पड़ता है। जिसमें पता चलता है कि कैसे वह अपनी बेहतर जिंदगी बनाने के लिए कनाडा आए और काम की तलाश में अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन यहां भी उसे उन्हीं बुरे हालातों का सामना करना पड़ता है।
इस नाटक में परमजीत सिंह ने ड्रग तस्करों के चंगुल में फंसे एक युवक की भूमिका निभाई थी, जिसमें उनके छोटे भाई-बहन भी इस दलदल में फंस जाते हैं। पिता का किरदार इंद्रजीत कौर ने और मां का किरदार बिक्रमजीत मोगा ने निभाया था। इसके अलावा जसवीर कौर मंगूवाल, अजायब सिंह, परमिंदर सिंह, पवन, अभिषेक शर्मा, डॉ. धर्मपाल ने भी किरदारों की भूमिका निभाई।
पात्रों की बेहतरीन प्रस्तुति ने दर्शकों को डेढ़ घंटे तक मंच से बांधे रखा। नाटक के अंत में हॉल तालियों से गूंज उठा। इस अवसर पर पंजाबी साहित्य एवं कुलथिक सभा विन्निपेग द्वारा गुरतेज सिंह खोखर द्वारा लिखित पुस्तक “दलित मुक्ति दा स्वाल का प्रश्न” का विमोचन भी किया गया। मंच संचालिका की भूमिका श्रीमती लवदीप ने बखूबी निभाई।
इससे पहले श्रीमती निष्ठा जैन की डॉक्यूमेंट्री फिल्म “रिवोल्यूशनरी फार्मिंग” भी दिखाई गई। इस मौके पर आयोजन समिति के मंगत सिंह सहोता, हरनेक सिंह धालीवाल, मुख्तियार सिंह, हरिंदर सिंह, मास्टर मलकीत सिंह, दर्शन सिंह वंदर, जसवीर कौर मंगूवाल, राज बलविंदर, महिंदर सरां और अमरदीप जाखन ने दर्शकों और कलाकारों का धन्यवाद किया।


