नई दिल्ली (पायल): कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने घोषणा की है कि वह 12 से 17 अक्टूबर तक भारत, सिंगापुर और चीन का दौरा करेंगी। यह दौरा कनाडा की महत्वाकांक्षी इंडो-पैसिफिक रणनीति का हिस्सा है और इसका मुख्य उद्देश्य इन प्रमुख एशियाई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना है।
मंत्री आनंद का यह आगामी भारत दौरा हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच आई गंभीर दरार (Severe Rift) के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों की मरम्मत (Repair) की दिशा में एक संभावित पहल हो सकती है।
भारत-कनाडा संबंध पिछले कुछ समय से गंभीर संकट में हैं। यह तनाव तब चरम पर पहुंच गया था जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत सरकार पर सीधे तौर पर आरोप लगाए थे। इसके परिणामस्वरूप:
1. दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।
2. भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को रोक दिया था जिससे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश पर नकारात्मक असर पड़ा था।
दिल्ली और मुंबई में मंत्री आनंद की कई उच्च-स्तरीय बैठकें निर्धारित हैं। जिस दौरान मंत्री आनंद की भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ मुलाकात होगी।
बता दे की दोनों देश व्यापार डायवर्सिफिकेशन (Trade Diversification), एनर्जी ट्रांसफॉर्मेशन (Energy Transformation) और सुरक्षा (Security) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर रणनीतिक सहयोग के लिए एक ढांचा तैयार करने की दिशा में काम करेंगे।
मुंबई में मंत्री आनंद कनाडाई और भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी। ये कंपनियां दोनों देशों में निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं।
विदेश मंत्री स्तर की यह यात्रा एक स्पष्ट संकेत है कि दोनों देश बातचीत के रास्ते खुले रखना चाहते हैं और कनाडा अब रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में गंभीर है। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कनाडा के रणनीतिक हितों को साधने के लिए भी महत्वपूर्ण है।