नई दिल्ली (राघव): चीन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए यह साफ कर दिया है कि वह हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है। इसके साथ ही चीन ने अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (टीआरएफ) को आतंकी घोषित करने के फैसले का भी समर्थन किया है। चीन की इस टिप्पणी से पाकिस्तान को करारा संदेश मिला है, जो लंबे समय से आतंकवाद को संरक्षण देने के आरोपों से घिरा रहा है। हालांकि पाकिस्तान की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन का यह रुख पाकिस्तान के लिए असहज करने वाला है।
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “हम सभी प्रकार के आतंकवाद का कड़ा विरोध करते हैं और 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि चीन चाहता है कि क्षेत्रीय देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करें और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखें।
बता दें, अमेरिका ने हाल ही में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को एक विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है और पहलगाम हमले की जिम्मेदारी इसी संगठन ने ली थी।पाकिस्तान की मीडिया ने अमेरिका के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि अमेरिका “भारत की भाषा” बोल रहा है। लेकिन अब चीन के समर्थन से पाकिस्तान की यह दलील कमजोर पड़ गई है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को इस हमले की निंदा करते हुए बयान जारी किया था, लेकिन पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों के कारण उस बयान से लश्कर-ए-तैयबा और टीआरएफ का नाम हटा दिया गया था। अब चीन द्वारा सार्वजनिक रूप से हमले की निंदा और टीआरएफ को आतंकी संगठन मानने का समर्थन, एक बड़ा संकेत माना जा रहा है कि वैश्विक मंच पर आतंक के खिलाफ रुख सख्त होता जा रहा है।