नई दिल्ली (नेहा): पुलिस आयुक्त एसबीके सिंह ने कहा कि पुलिस और जनता के बीच प्रारंभिक बातचीत पूरे अनुभव की दिशा तय करती है। मानसिकता में बुनियादी बदलाव की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस को शासक भाव से सेवा भाव में आने की जरूरत है। वे दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा वे दूसरे से अपेक्षा करते हैं।
पुलिस मुख्यालय के आदर्श सभागार में पुलिस और एकीकृत जन सुविधा अधिकारियों के लिए “शिष्टाचार एवं कौशल प्रशिक्षण” कार्यक्रम का उद्घाटन करने के दौरान आयुक्त ने यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने जनता के साथ व्यवहार करते समय शिष्टाचार, व्यावसायिकता और संवेदनशीलता के महत्व पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य दिल्ली पुलिस के अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों की क्षमता का निर्माण करना और यह सुनिश्चित करना है कि हर बातचीत पेशेवर और सहानुभूतिपूर्ण हो। इस अवसर पर उन्होंने “शिष्टाचार एवं कौशल प्रशिक्षण” कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से तैयार की गई दो पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम और पुस्तिकाओं का डिजाइन और निर्माण दिल्ली पुलिस अकादमी द्वारा किया गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में दो दिवसीय कार्यशालाएं शामिल होंगी, जिनमें 700 ड्यूटी अधिकारियों के लिए दो बैच (18 से 21 अगस्त तक) और 1,300 एकीकृत जन सुविधा अधिकारियों के लिए तीन बैच (25 अगस्त-चार सितंबर) होंगे। यह प्रशिक्षण दिल्ली पुलिस के जोन-एक के 350 अधिकारियों के साथ शुरू हो चुका है। इसके तहत करीब 2000 पुलिसकर्मियों को 15 दिनों के भीतर प्रशिक्षित किया जाएगा। दिल्ली पुलिस अकादमी के विशेषज्ञों और अनुभवी शिक्षकों द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।