नई दिल्ली (नेहा): तिब्बती धर्मगुरु परमपावन दलाईलामा ने साने ताकाइची को जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री चुने जाने पर हार्दिक बधाई दी है। मैक्लोडगंज स्थित अपने आवास से भेजे एक पत्र में उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को न केवल जापान के लिए, बल्कि वैश्विक नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के लिए भी एक प्रेरणादायक क्षण बताया है।
दलाईलामा ने प्रधानमंत्री ताकाइची के लंबे सार्वजनिक सेवा के अनुभव और उनकी नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि यह आपके देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दौर है, जब पूरी दुनिया अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने ताकाइची के नेतृत्व में जापान के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
अपने पत्र में दलाईलामा ने वैश्विक शांति के प्रति जापान की प्रतिबद्धता की विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि परमाणु हमलों की असहनीय पीड़ा झेलने के बावजूद, जापान ने दुनिया में शांति स्थापित करने के प्रयासों का नेतृत्व किया है और वह परमाणु निरस्त्रीकरण का एक दृढ़ समर्थक रहा है। उन्होंने इस दिशा में जापान के योगदान को अनुकरणीय बताया।
महिला नेतृत्व की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए दलाईलामा ने अपने व्यक्तिगत अनुभव को सांझा किया। उन्होंने लिखा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि महिलाएं दूसरों की भावनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील और करुणामयी होती हैं, यह एक गुण है जो मैंने अपनी मां से सीखा है। उन्होंने आगे कहा कि यदि हमारी अधिक नेता महिलाएं हों तो यह दुनिया निश्चित रूप से और अधिक समझदार और शांतिपूर्ण बनेगी।