दुबई (नेहा): भारत में आमतौर पर लोगों को सप्ताह में 6 दिन काम करना होता. केवल कुछ चुनिंदा शहरों और संस्थानों में 5 कार्य दिवस का प्रावधान है, जहां दो दिन का अवकाश मिलता है। वहीं दुनिया में कई ऐसी भी जगह है, जहां सप्ताह में सिर्फ चार दिन ही काम करने होते हैं। ऐसी ही व्यवस्था भारत से बाहर एक ऐसे शहर में की गई है, जहां कई सारे इंडियन रहते हैं और भारत में इस शहर का खासा क्रेज है।
यहां बात हो रही है दुबई की. दुबई के सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को अब तीन वीकेंड का लाभ मिलेगा। यहां अब चार कार्यदिवस का सप्ताह होने जा रहा है। क्योंकि वैश्विक स्तर पर 4 वर्क डे का प्रचलन बढ़ रहा है। दुबई में गर्मी के दिनों में लोगों के वर्क-लाइफ बैलेंस को देखते हुए 4 वर्क डेज लागू करने का निर्णय लिया गया है।
चार कार्य दिवस सप्ताह अभी सिर्फ गर्मी के मौसम के लिए लागू होगा। 1 जुलाई से शुरू होकर 12 सितंबर तक चलने वाले दुबई सरकार के मानव संसाधन विभाग (DGHR) द्वारा शुरू की गई छोटे ग्रीष्मकालीन शेड्यूल का उद्देश्य श्रमिकों को अधिक लचीलापन और बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस की सुविधा देना है।
इस योजना के तहत, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को विभाजित किया जाएगा और उन्हें दो अलग-अलग फ्लैक्सिबल वर्क शेड्यूल में रखा जाएगा। पहले समूह के लोग सोमवार से गुरुवार तक प्रतिदिन 8 घंटे काम करेंगे तथा शुक्रवार, शनिवार और रविवार को उनकी छुट्टी होगी। वहीं दूसरे ग्रुप के लोग सोमवार से गुरुवार तक 7 घंटे काम करेंगे और शुक्रवार को भी 4.5 घंटे काम करना पड़ेगा। इन्हें शुक्रवार को आधे दिन और शनिवार -रविवार को छुट्टी मिलेगी।
सरकार ने पिछले वर्ष सफल पायलट चरण के बाद सभी कर्मचारियों के लिए यह परिवर्तन लागू करने का निर्णय लिया था, जिसमें पाया गया कि इससे समग्र कर्मचारी संतुष् और खुशी में सुधार हुआ है। साथ ही उत्पादकता में भी वृद्धि हुई है. डीजीएचआर के महानिदेशक अब्दुल्ला अली बिन जायद अल फलासी ने कहा कि यह नीति आधुनिक कार्यब बनाने के सरकार के उद्देश्य को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ काम के घंटों में बदलाव नहीं है। यह सरकार की बदलती मानसिकता को दिखाता है जो संस्थागत दक्षता के साथ-साथ कर्मचारियों की भलाई को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।
अल फलासी ने कहा कि यह बदलाव, दुनिया भर में चार दिवसीय सप्ताह में हो रहे बदलावों तथा अन्य लचीली कार्य प्रणालियों के परीक्षणों की बढ़ती संख्या के बीच किया गया है। ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड, अमेरिका और आइसलैंड कुछ ऐसे देश हैं जो काम के घंटे कम करने का प्रयोग कर रहे हैं।
कम्पनियों द्वारा चार दिवसीय सप्ताह लागू करने के सामान्य तरीकों में से एक 100:80:100 मॉडल का उपयोग करना है, जिसमें कर्मचारियों को उनका वेतन 100% मिलता मिलता है, लेकिन उनके कार्य घंटे 80% तक कम कर दिए जाते हैं। हालांकि, परिवर्तन को सफल बनाने के लिए उन्हें अपनी उत्पादकता 100% बनाए रखनी होगी।
अप्रैल में, जापान में संशोधित कानून पेश किए गए, जिसके तहत कंपनियों को छोटे बच्चों वाले कर्मचारियों के लिए लचीले कार्य विकल्प, जैसे काम के घंटे कम करना या घर से काम करने की पेशकश करनी होगी, ताकि देश में तेजी से घटती जन्म दर को रोका जा सके।