लंदन (पायल): ब्रिटेन में प्रवासियों को अंग्रेज़ी सिखाने वाली ESOL (English for Speakers of Other Languages) कक्षाएं अब खुले तौर पर एंटी-इमिग्रेशन समूहों के निशाने पर आ गई हैं। शरणार्थी होटलों के बाहर हुए विरोध प्रदर्शनों के सुर्खियों से हटते ही, इन समूहों ने अब स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में चल रही अंग्रेज़ी कक्षाओं को नया लक्ष्य बना लिया है।24 नवंबर को ग्लासगो के एक प्राथमिक स्कूल के बाहर ESOL कक्षा के विरोध में प्रदर्शन किया गया। यह कक्षा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता के लिए आयोजित की जा रही थी। प्रदर्शनकारियों ने “Protect our kids” जैसे नारे लिखी तख्तियां उठाईं और दावा किया कि इन कक्षाओं से बच्चों की सुरक्षा को खतरा है।
इस प्रदर्शन को व्यापक प्रचार मिला एक स्वयंभू निगरानी समूह Spartan Child Protection Team के जरिए, जो खुद को “पीडोफाइल हंटर” बताता है। इससे पहले इसी समूह ने रेनफ्रू में एक प्राथमिक स्कूल के पास चल रही ESOL कक्षा के खिलाफ ऑनलाइन शिकायतें फैलाई थीं, जिसके बाद रेनफ्रूशायर काउंसिल ने वहां की कक्षाएं बंद कर दीं। ग्लासगो सिटी काउंसिल ने इस पूरे मामले पर सख्त प्रतिक्रिया दी।
बता दे कि डालमारनॉक प्राइमरी स्कूल में हुए विरोध के बाद परिषद ने बयान जारी कर कहा कि वह “किसी भी तरह के नस्लवाद या कट्टरता को बर्दाश्त नहीं करेगी।” काउंसिल ने इन अभियानों को “भ्रमित और ज़हरीला” करार देते हुए कहा कि स्कूलों में बाहरी निगरानी समूहों का आना, डर फैलाना और हिंसा भड़काना पूरी तरह अस्वीकार्य है।
इसी महीने ग्रेटर लिंकनशायर की रिफॉर्म पार्टी मेयर एंड्रिया जेनकिंस को ESOL फंडिंग वापस लेने की योजना के लिए कानूनी मंजूरी मिल गई। उन्होंने कहा कि वह यह बजट “लिंकनशायर के लोगों” पर खर्च करना चाहती हैं। इससे देशभर में भाषा शिक्षा के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले डेढ़ दशक से ESOL शिक्षा प्रवासन बहस का राजनीतिक हथियार बनती जा रही है।
डेविड कैमरन की कंजरवेटिव सरकार के दौरान अंग्रेज़ी भाषा को “एकीकरण” का पैमाना बनाया गया, लेकिन 2009–2011 के बीच ESOL फंडिंग में 32% तक कटौती कर दी गई। इन नीतियों की आलोचना यह कहकर की गई कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को कट्टरपंथ से जोड़कर कलंकित किया और भाषा कक्षाओं को आतंकवाद-रोधी औज़ार की तरह पेश किया।
मई 2025 में लेबर सरकार के इमिग्रेशन व्हाइट पेपर में भी अंग्रेज़ी दक्षता पर ज़ोर दिया गया। वीज़ा और स्थायी निवास के लिए भाषा शर्तें सख्त करने की बात कही गई, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि संसाधनों की कोई ठोस योजना नहीं है।
बता दे कि एंटी-इमिग्रेशन हमलों के बीच, Educators for All जैसे मंचों के जरिए ESOL शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट हो रहे हैं। वे स्कॉटलैंड में स्कूलों को निशाना बनाने वाले “नस्लवादी अभियानों” के खिलाफ खुलकर खड़े हो रहे हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ESOL को इसी तरह राजनीति और नफरत की भेंट चढ़ाया गया, तो इसका सबसे बड़ा नुकसान प्रवासियों, शरणार्थियों और समाज की एकता को होगा।


