नई दिल्ली (नेहा): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार पर अमेरिकी टेक दिग्गज गूगल पर 3.5 अरब डॉलर के भारी-भरकम जुर्माने के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) की तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे अनुचित बताया और कहा कि उनका प्रशासन इस ‘भेदभावपूर्ण कार्रवाई’ को बर्दाश्त नहीं करेगा। यूरोपीय आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को ऑनलाइन विज्ञापन तकनीक (एडटेक) क्षेत्र में एंटी कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस के लिए गूगल पर जुर्माना लगाने की घोषणा की।
यह विज्ञापन तकनीक सेवाओं के अपने ऑनलाइन प्रदर्शन को तरजीह देकर एडटेक उद्योग में कॉम्पिटिशन को बिगाड़ के यूरोपीय संघ के एंटी-ट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करता है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कई पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जुर्माने की राशि अमेरिकी निवेश और नौकरियों में खर्च होती।
इसे बेहद अनुचित बताते हुए ट्रंप ने कहा कि यह गूगल और कई अन्य अमेरिकी टेक कंपनियों पर लगाए गए कई अन्य जुर्माने और टैक्स के अतिरिक्त है। अमेरिकी कंपनियों पर जुर्माने को रद्द करने के लिए ‘धारा 301’ के तहत कार्यवाही शुरू करने की धमकी देते हुए ट्रंप ने कहा इस बात पर भी प्रकाश डाला कि गूगल ने अतीत में ‘झूठे दावों और आरोपों’ में 13 बिलियन अमरीकी डालर का भुगतान किया है और यूरोपीय संघ से इस प्रथा को तुरंत रोकने का आग्रह किया है।
उन्होंने लिखा कि यूरोप ने आज एक और महान अमेरिकी कंपनी, गूगल पर 3.5 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया, जिससे वह पैसा छीन लिया गया जो अमेरिकी निवेश और नौकरियों के लिए जाता। यह उन कई अन्य जुर्माने और करों के अलावा है जो विशेष रूप से गूगल और अन्य अमेरिकी टेक कंपनियों पर लगाए गए हैं। यह बहुत अनुचित है, और अमेरिकी करदाता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।