तेहरान (पायल): जब मेरात बेहनाम ने पहली बार तेहरान की सड़कों पर अपने पीले स्कूटर पर निकलने की हिम्मत की, तो उनकी असली चिंता ट्रैफिक नहीं, बल्कि लोगों की घूरती निगाहें और चिंताएँ थीं। इससे भी बड़ा डर पुलिस द्वारा रोके जाने का था, क्योंकि ईरान में किसी महिला का स्कूटर चलाना सामाजिक और कानूनी पाबंदियों को तोड़ने के बराबर है। लेकिन 38 वर्षीय बेहनाम को सड़क पर एक अप्रत्याशित प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने कहा, “शुरू में मैं बहुत घबराई हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे लोगों के व्यवहार और उनकी प्रतिक्रियाओं ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया। एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने भी मेरा हौसला बढ़ाया।”
ईरान में कट्टरपंथी मौलवी महिलाओं के ऐसे घूमने-फिरने को ‘तबर्रुज़’ (सुंदरता का अत्यधिक प्रदर्शन) मानते हैं जो इस्लाम में निषेध है। इसी तरह, देश के कानून में मोटरसाइकिल लाइसेंस जारी करने के लिए स्पष्ट रूप से ‘मर्दाना’ (पुरुष) शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जो महिलाओं को इस अधिकार से वंचित करता है। तेहरान के ट्रैफिक पुलिस प्रमुख ने भी इसे ‘अपराध’ करार दिया है।
इन प्रतिबंधों के बावजूद, हाल ही में हुए हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बाद ईरानी महिलाओं में एक नया आत्मविश्वास आया है। वे अब तेजी से आगे आ रहे हैं और स्कूटरों पर निकल कर सामाजिक बाधाओं को तोड़ रहे हैं; हालाँकि इनकी संख्या अभी भी कम है, लेकिन सड़कों पर इनकी मौजूदगी आम होती जा रही है।


