भुवनेश्वर (नेहा): भुवनेश्वर में कटक नियाली इलाके के चार युवकों को हांगकांग में फूड पैकेजिंग कंपनी में काम करने के बहाने एक एजेंट ले गया था। हालांकि, ज्यादा कमाई के लालच में एजेंट बड़ी चतुराई से उन्हें म्यांमार देश ले गया और वहां साइबर ठगी में लगा दिया। इसके लिए सहमत नहीं होने पर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जिसके चलते उन्होंने परिवार से गांव लौटने की अपील की है। उनकी समस्याओं का पता चलने पर परिजनों ने बचाव के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।
जानकारी के मुताबिक, निआली प्रखंड जल्लापुर पंचायत कुल्लारपुर के निवासी प्रत्यूष स्वांई (30), विजय नायक (30), बाहारडा पंचायत बरीमुंडई निवासी लक्ष्मीकांत पंडा (29) और सौम्य रंजन बिहारी (36) 27 फरवरी को एक एजेंट के जरिए घर से निकले थे। उनके पास वीजा नहीं था। हालांकि, कुछ दिनों तक काम करने के बाद, बीजा मिल जाएगा, कहकर उन्हें म्यांमार में अवैध रूप से लिया गया।
बताया गया कि वहां चार लोगों को अलग-अलग जगहों पर रखा गया और उड़िया व हिंदी में फोन कॉल किए गए। भारत और खासकर ओडिशा के लोगों को फंसाने के लिए मजबूर किया गया। जब वे नहीं माने तो उनका खाना-पीना बंद कर दिया गया और शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। एक युवक ने फोन पर अपने परिजनों को बताया कि दिन में एक बार भोजन मैगी खाने को मिलती है, जबकि आधा लीटर ही पानी पीने को मिलता है।
उन्हें दिन में सिर्फ 10 मिनट के लिए मोबाइल फोन दिए जाते हैं। अनकही बदहाली का सामना करते हुए, युवाओं ने अपने परिवारों को फोन किया और बचाव के लिए अनुरोध किया। परिवार ने पहले श्रम आयुक्त और बाद में म्यांमार दूतावास से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जैसे-जैसे अत्याचार बढ़ता गया, उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया।
कटक का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को जिला भाजपा अध्यक्ष सुकांत बिस्वाल ने जानकारी दी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके निजी सचिव मनोज साहू ने युवकों के परिजनों से चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय से मामले पर चर्चा के बाद जल्द ही बचाव की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है।