शिमला (नेहा): हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा से अभी राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विशेषज्ञों की ओर से जारी ताजा पूर्वानुमान के अनुसार आज नौ जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। कंगड़ा, ऊना व हमीरपुर को छोड़ बाकी जिलों में भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कल कुछ एक स्थान पर बारिश होगी। शनिवार को बारिश से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार वर्षा के कारण भारी तबाही हो रही है। जगह-जगह भू-स्खलन और जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। भारी वर्षा और जल भराव के कारण फसलों का नुकसान हुआ है। सड़कों के बंद होने के कारण लदानी सेब नहीं खरीद रहे हैं जिसका कारण भेजने में दिक्कत आ रही है।
लगातार हो रही वर्षा से वीरवार सुबह तक 1286 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, इनमें 6 राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-03, एनएच-05, एनएच – 21, एनएच-205, एनएच-505 और एनएच-305 शामिल हैं। सबसे ज्यादा सड़कें मंडी (293), कुल्लू (225) और शिमला (216) जिलों में बंद हैं। उधर भारी वर्षा और सडकों के बंद होने के कारण शिक्षण संस्थानों को बंद किया गया है। उधर, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने पौंग डैम से पानी की निकासी बढ़ाने का फैसला किया है। अब डैम से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, जबकि पहले 80 हजार क्यूसेक छोड़ा जा रहा था। कांगड़ा जिले में फतेहपुर, इंदौरा और देहरा उपमंडल प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
प्रदेश के कई गांवों में बिजली नहीं है। प्रदेश में 2809 ट्रांसफार्मर बंद हैं, इनमें सबसे ज्यादा कुल्लू (1096), शिमला (405), मंडी (404) और सोलन (304) में खराब हैं। पेयजल योजनाएं भी बंद हैं। प्रदेश में 1081 योजनाएं बाधित हैं। इनमें सबसे ज्यादा शिमला (349), कांगड़ा (212), सोलन (91), मंडी (68) और कुल्लू (63) प्रभावित हैं। 20 जून से तीन सितंबर तक के मानसून सीजन में अब तक 343 लोगों की मौत और 398 घायल हुए हैं। इसमें सड़क हादसों के कारण हुई मौतें भी शामिल हैं। 1372 मवेशियों की मौत िो चुकी है। आपदाओं और हादसों से अब तक प्रदेश को कुल 3690.42 करोड़ का नुकसान हुआ है। कृषि क्षेत्र को 11.45 करोड़, बागवानी को 22.52 करोड़ का नुकसान आंका जा चुका है।