नई दिल्ली (राघव): दुनियाभर में वैज्ञानिक निरंतर अलग-अलग पहलुओं की रिसर्च कर दुनिया को विकसित करने के चक्कर में लगे हुए हैं। पर कई बार ये विकास इतना अजीबोगरीब होता है कि इसे जानकर लोग चौंक जाते हैं। आज हम ऐसी ही एक अजीबोगरीब रिसर्च के बारे में बता रहे हैं. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इंसानी मल से दवाएं बनाना शुरू कर दिया है, जो बड़ी बीमारियों के खात्मे में सक्षम हैं।
क्या आपने कभी सोचा था कि कोई ऐसा जादुई कैप्सूल होगा जो हर बीमारी को ठीक कर देगा? अगर सोचा भी होगा, तो ये बेशक नहीं सोचा होगा कि वह कैप्सूल “पूप पिल्स” यानी “क्रैप्स्यूल्स” होंगे। जी हां, ये छोटे-छोटे कैप्सूल, जिनमें स्वस्थ व्यक्ति के मल (फ्रीज़-ड्रायड फीकल मैटर) को भरकर रखा जाता है, अब गंभीर बीमारियों जैसे एडवांस्ड कैंसर और जानलेवा लिवर डिज़ीज़ तक के इलाज में आशाजनक परिणाम दिखा रहे हैं। कुछ वैज्ञानिक तो यह भी कह रहे हैं कि हेल्दी इंसान के मल का ट्रांसप्लांट- जिसे फीकल ट्रांसप्लांट कहते हैं- न सिर्फ शरीर की बीमारियों से लड़ सकता है, बल्कि जिम में बेहतर प्रदर्शन करने और उम्र के असर को कम करने में भी मददगार हो सकता है।
अब ब्रिटेन में शोधकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या हेल्दी डोनर से लिया गया सूखा हुआ मल, जो इन कैप्सूल्स में भरा गया है, मरीजों की आंतों में छुपे एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है या नहीं। इसका मतलब यह हुआ कि किसी और का मल आपको सुपरबग से बचा सकता है। इस अध्ययन में 41 ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जो हाल ही में दवा-प्रतिरोधी संक्रमण (ड्रग-रेसिस्टेंट इंफेक्शन) से उबरे थे. इन्हें दो समूहों में बांटा गया।