लंदन (राघव): लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की एक ब्रिटिश कश्मीरी प्रोफेसर ने दावा किया है कि भारत विरोधी गतिविधियों के कारण भारतीय अधिकारियों ने उनकी प्रवासी भारतीय नागरिकता (ओसीआई) रद कर दी है। निताशा कौल ने रविवार को इंटरनेट मीडिया पर भारत सरकार से प्राप्त पत्र का विवरण पोस्ट किया, जिसमें उन पर दुर्भावना से प्रेरित होने और तथ्यों या इतिहास की पूर्ण अवहेलना करने का आरोप लगाया गया है। यह घटनाक्रम फरवरी में उनके पिछले पोस्ट के बाद सामने आया है, जब शिक्षाविद ने बेंगलुरु में एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत में प्रवेश न करने देने को लेकर पलटवार किया था।
कौल ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि जानती हूं कि नफरत के खिलाफ बोलने पर भारत में शिक्षाविदों को गिरफ्तार करना भारत के बाहर के शिक्षाविदों के लिए देश और परिवार तक पहुंच को खत्म करने से जुड़ा हुआ है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा निर्धारित ओसीआई नियमों के तहत भारत सरकार कानून द्वारा स्थापित भारतीय संविधान के प्रति प्रवासी नागरिक की ओर से दुर्भावना व्यक्त किए जाने जैसे कुछ विशिष्ट आधारों पर किसी भी व्यक्ति का ओसीआई पंजीकरण रद कर सकती है।