नई दिल्ली (नेहा): एक तरफ ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ ईरान ने पूरी दुनिया के आंखों में धूल झोंकते हुए बड़ा परीक्षण किया है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने चुपचाप तरीके से परमाणु बम बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए कई विस्फोट किए। ईरान सिर्फ परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम संवर्धन ही नहीं, बल्कि कई ऐसे प्रयोग कर चुका है जो इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि ईरान बम परमाणु हथियार बनाने जा रहा है। ईरान चुपचाप अपने मिशन में लगा रहा तो वहीं अमेरिका सहित बाकी देश तमाशबीन बने रहे। ईरान की ओर से ये परीक्षण चार परमाणु स्थलों – मारिवन, लाविसन-शियान, वरमिन और टर्कुज-अबाद में किए गए थे।
IAEA की टीम ने अगस्त 2020 में इस क्षेत्र और परीक्षण स्थलों का दौरा किया था, लेकिन विस्फोटक स्थल के दौरे के दौरान वे उस बंकर तक नहीं पहुंच पाए थे, जहां से सब कुछ कंट्रोल हो रहा था। इसके बाद ईरान ने जल्द ही बंकर को ध्वस्त कर दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेहरान हर महीने एक परमाणु हथियार बनाने के लिए 60 फीसदी यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है और अब उसके पास 10 परमाणु बम बनाने जितनी सामग्री उपलब्ध हो गई है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब इस्लामिक रिपब्लिक ईरान और अमेरिका कई सालों बाद एक नये परमाणु डील के बहुत करीब हैं।
IAEA के खुलासे के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे अब दोनों देशों के बीच माहौल बिगड़ सकता है। IAEA ने यह भी पाया कि ईरान ने एक ऐसा कोल्ड टेस्ट करने की प्लानिंग की थी जिसमें कोर में परमाणु सामग्री, प्राकृतिक या क्षीण यूरेनियम होगा। ईरान ने 20 साल पहले इस तरह की गतिविधि शरू कर दी थी और इससे जुड़ी हर एक जानकारी को संभाल कर रखा था। रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने 15 फरवरी-3 जुलाई 2003 को दो बार इम्प्लोजन टेस्ट किए थे। ये वही तकनीक है जो परमाणु बम के कोर को ब्लास्ट करने में इस्तेमाल होती है।