नई दिल्ली (नेहा): गाजा पट्टी में इजरायली हमले जारी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स व स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गुरुवार को गोलीबारी और हवाई हमलों में 57 फिलिस्तीनियों की जान चली गई। इसी बीच, हमास अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्ध खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी राय बनाने में लगा हुआ है। यह योजना दो साल से चल रहे संघर्ष को रोकने का दावा करती है, लेकिन कई सवाल खड़े कर रही है। फिलिस्तीनियों को शांति की आस बंधी है, मगर योजना को इजरायल के हित में देखा जा रहा है।
ट्रंप का प्लान साफ है – हमास को 48 बंधकों को छोड़ना होगा, जिनमें से करीब 20 अभी जिंदा माने जा रहे हैं। बदले में सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और लड़ाई का अंत। लेकिन हमास को सत्ता छोड़नी पड़ेगी और हथियार डालने होंगे। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे मान लिया है, पर फिलिस्तीनी राज्य की राह नहीं दिखाई। हमास के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ बातें बर्दाश्त से बाहर हैं, हालांकि डिटेल्स नहीं दीं। कतर और मिस्र जैसे मध्यस्थ कहते हैं कि और चर्चा जरूरी है।
देर अल-बलाह के अल-अक्सा अस्पताल में 16 शव पहुंचे। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) ने दुख जताया कि उनका एक चिकित्सक उमर हायेक बस स्टॉप पर इंतजार करते हुए मारा गया। चार अन्य गंभीर रूप से जख्मी। 42 साल के हायेक को संगठन ने ‘दयालु पेशेवर’ कहा। वे हाल ही में गाजा शहर से भागे थे। युद्ध शुरू होने के बाद एमएसएफ का यह 14वां कर्मचारी है जो शहीद हुआ। गाजा शहर के शिफा अस्पताल में 5 शव और कई घायल पहुंचे, लेकिन स्टाफ को पहुंचने में दिक्कत हो रही क्योंकि इजरायल शहर पर कब्जे की कोशिश में लगा हुआ है।