नई दिल्ली (नेहा): वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो सकीं। मारिया की जगह उनकी बेटी एना कोरिना सोसा ने नॉर्वे के ओस्लो में यह पुरस्कार ग्रहण किया। एना ने समारोह में अपनी मां का लिखा हुआ भाषण भी पढ़ा।
मचाडो ने अपने लिखित संदेश में कहा कि लोकतंत्र और आजादी को बचाने के लिए संघर्ष जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार वेनेजुएला ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।
मचाडो पर यात्रा प्रतिबंध लगा है। वह एक साल से भी ज्यादा समय से छिपकर रह रही हैं, इसलिए वे समय पर ओस्लो नहीं पहुंच सकीं। हालांकि नोबेल कमेटी के मुताबिक मचाडो रास्ते में हैं और रात तक ओस्लो पहुंच सकती हैं।
मचाडो को 10 अक्टूबर को वेनेजुएला में लोकतंत्र बहाल करने के प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया था। पुरुस्कार लेने के लिए मचाडो की मां और उनकी तीन बेटियां ओस्लो पहुंची। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई समेत कई लैटिन अमेरिकी नेता भी समारोह में मौजूद रहे।


