नई दिल्ली (नेहा): ब्रिटेन सरकार ने झटका देते हुए भारत को उन देशों की लिस्ट में शामिल कर लिया है, जिसके नागरिकों पर पहले निर्वासन, फिर अपील की नीति लागू है। 15 देशों की नई सूची में अब भारत का भी नाम जुड़ गया है। इस नीति के तहत अगर कोई भारतीय नागरिक ब्रिटेन में अपराधों के लिए दोषी पाया जाता है तो उसे पहले निर्वासित किया जाएगा, उसके बाद ही उसकी अपील सुनी जाएगी। यानी अपने निर्वासन के फैसले के खिलाफ अपील करके वह शख्स निर्वासन में देरी नहीं करा पाएगा और न ही वह ब्रिटेन में रह पाएगा।
ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस नीति का मकसद जेलों में भीड़भाड़ को कम करना है और अपराध के बारे में आमजनों की चिंता में भी कमी लाना है। इस नीति में कहा गया है कि किसी अपराध में दोषी साबित होने पर पहले निर्वासन होगा, फिर अपील किया जा सकेगा। इस पहल के तहत, निर्वासित शख्स को अपने निर्वासन के खिलाफ किसी भी अपील से संबंधित सुनवाई में भारत से ही वीडियो लिंक के माध्यम से भाग लेना होगा। हालांकि, आतंकवादियों, हत्यारों और आजीवन कारावास की सजा काट रहे लोगों को निर्वासन पर विचार किए जाने से पहले ब्रिटेन में अपनी सजा काटनी होगी।
इससे पहले, संबंधित देशों के अपराधी मानवाधिकार कानूनों के तहत निर्वासन की अपील करते हुए वर्षों तक ब्रिटेन में रह सकते थे। नए कानून के मुताबिक, निर्वासित भारतीयों को ब्रिटेन में दोबारा प्रवेश करने से रोक दिया गया है। हालांकि, अपने देश वापस लौटने के बाद, यह भारत पर निर्भर करेगा कि उन्हें जेल भेजा जाएगा या रिहा कर दिया जाएगा।