जम्मू (नेहा): रियासी जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों के दौरे के समय पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख के हालात पर भी चर्चा की। उन्होंने इस मौके पर मीडियाकर्मियों से कहा कि उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले लद्दाख प्रशासन को यह देखना चाहिए कि वह शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक उपाय करने में पहली बार में क्यों विफल रहा। बुधवार को लेह में हुई हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस को दोषी ठहराए जाने के बारे में पूछे जाने पर, उमर अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख में सरकार उनकी (भाजपा की) है। जब वे विफल होते हैं, तो वे किसी और को दोष देते हैं।
अगर कांग्रेस इतनी शक्तिशाली होती कि वह लद्दाख में दंगे करा सकती, तो पार्टी ने परिषद का गठन [अक्टूबर 2020 में] क्यों नहीं किया? लद्दाख में पिछले परिषद चुनाव किसने जीते? भाजपा, जबकि कांग्रेस बुरी तरह हार गई। जब चीजें गलत होती हैं, तो भाजपा के लोग हमेशा बहाने बनाते हैं दूसरों को दोष देना भाजपा की आदत है। बल का प्रयोग खत्म करें।- उमर अब्दुल्ला, सीएम
महबूबा मुफ्ती से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लेह में हिंसा प्रशासन की विफलता का परिणाम थी मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लद्दाख में हालात खराब हैं और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे कानून अपने हाथ में न लें और शांति का रास्ता अपनाएं। भारत सरकार को उनकी जायज़ मांगों पर ध्यान देना चाहिए।
अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वह इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल और कारगिल तथा लेह के बीच भाईचारा देखना चाहेंगे। अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश की मांग की और उन्हें मिल गया। उन्हें केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत जितना हो सके उतना विकास करने दें।