नई दिल्ली (पायल): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चालाकी और आर्थिक दबाव का असर अब पाकिस्तान पर साफ दिखने लगा है। पाकिस्तान अब पूरी तरह ट्रंप के शिंकंजे में फंसा नजर आ रहा है। देश ने अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स की पहली खेप भेज दी है, जिसमें एंटीमनी, कॉपर कंसंट्रेट, नियोडिमियम और प्रेजोडायमियम शामिल हैं । यह कदम पाकिस्तान-अमेरिका आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी का नया अध्याय माना जा रहा है।
जब देश के करोड़ों नागरिक बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहे हैं, पाकिस्तान सरकार ने अरबों डॉलर के कीमती खनिज अमेरिका को भेजना कहा तक उचित है। पीटीआई के सूचना सचिव शेख वकास अकरम ने इसे जनता के प्रति धोखा बताया और मांग की कि सीक्रेट डील की पूरी जानकारी उजागर की जाए।
अमेरिका की कंपनी यूएसएसएम पाकिस्तान में मिनरल प्रोसेसिंग फैसिलिटीज स्थापित करने के लिए 50 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। कंपनी ने इसे पाकिस्तान-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक “मील का पत्थर” बताया। विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम पाकिस्तान को वैश्विक सप्लाई चेन में शामिल करेगा, लेकिन देश की गरीबी और जनता की हालत पर असर डाल सकता है।
देश के अप्रयुक्त खनिज भंडार का अनुमान लगभग 6 अरब डॉलर है। इस डील से अरबों डॉलर का राजस्व तो आएगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह पैसा गरीबी और आर्थिक संकट से जूझ रही जनता तक पहुंचेगा, या सिर्फ विदेशी निवेशकों और अमेरिका की झोली भरने में इस्तेमाल होगा।पाकिस्तान ने पहली बार अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) की एक बड़ी खेप भेजी है। यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी के नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
यूएसएसएम की CEO स्टेसी डब्ल्यू हेस्टी ने बताया कि यह पहला शिपमेंट पाकिस्तान और अमेरिका के बीच सहयोग का “एक रोमांचक अध्याय” है। इसका उद्देश्य व्यापार बढ़ाना, दोनों देशों की मित्रता को मजबूत करना, रोजगार पैदा करना और तकनीक हस्तांतरण को संभव बनाना है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, देश के अप्रयुक्त खनिज भंडार का अनुमान लगभग 6 अरब डॉलर है, जो इसे प्राकृतिक संसाधनों के मामले में दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक बनाता है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सूचना सचिव शेख वकास अकरम ने इस ‘सीक्रेट डील’ की सार्वजनिक जानकारी देने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार को जनता के बीच यह पूरी जानकारी लानी चाहिए ताकि देश में पारदर्शिता बनी रहे।