पेशावर (राघव): पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार को ईद मिलाद उन नबी के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने इस कार्यक्रम में अफगानिस्तान के राजनयिकों को भी आमंत्रित किया। कार्यक्रम में पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजाया गया। इस दौरान अफगानिस्तान के अधिकारी अपने स्थान पर बैठे रहे। पाकिस्तान ने अफगान राजनयिकों पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है।
इस्लामाबाद ने काबुल से इसकी शिकायत की है। आरोप है कि इस कार्यक्रम में जब पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजा, तब अफगानिस्तान के राजनयिकों मोहिबुल्लाह शाकिर राजनयिक प्रोटोकाल की खुलेआम अवहेलना करते हुए अपने स्थान पर बैठे रहे। इस पूरे विवाद पर अफगान वाणिज्य दूतावास पेशावर के प्रवक्ता ने सफाई दी है। प्रवक्ता के अनुसार उनका पाकिस्तान के राष्ट्रगान का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार शाम को हुई घटना के विरोध में अफगानिस्तान राजनयिक को तलब किया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि मेजबान देश के राष्ट्रगान का ऐसा अनादर राजनयिक मानदंडों के खिलाफ है।
विवाद के बीच पेशावर स्थित अफगानिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने अपनी सफाई जारी की। दूतावास का कहना है कि राष्ट्रगान के साथ संगीत बज रहा था। इस वजह से मोहिबुल्लाह शाकिर खड़े नहीं हुए। अगर राष्ट्रगान बिना संगीत के होता तो सम्मान में जरूर खड़े होते। बता दें कि साल 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर उस वक्त कब्जा किया था जब अमेरिका सेना ने वहां से वापस जाने का निर्णय लिया था। इसके बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया था।


 
			
 
                                 
                              
		 
		 
		 
		