नई दिल्ली (राघव): गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपने जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए अब दुबई के बैंकों से 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,600 करोड़) का नया कर्ज लिया है। यह फंड ‘सिंडिकेटेड टर्म फाइनेंस’ के तहत पांच साल की अवधि के लिए लिया गया है, जिसे कई बैंकों ने मिलकर फाइनेंस किया है।
पाकिस्तान ने एक अरब डॉलर का यह कर्ज पांच वर्षीय ‘सिंडिकेटेड टर्म फाइनेंस’ के जरिेये लिए हैं और इस पर हस्ताक्षर किए हैं। यह देश में जारी आर्थिक संकट के बीच प्रमुख वित्तपोषकों से मजबूत समर्थन का संकेत है। ‘सिंडिकेटेड टर्म फाइनेंस’ एक प्रकार का ऋण है, जिसमें दो या दो से अधिक बैंक या वित्तीय संस्थान मिलकर एक ही उधारकर्ता (व्यक्ति, कंपनी या सरकार) को यह लोन देते हैं।
कौन-कौन से बैंक बने कर्जदाता?
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, दुबई इस्लामिक बैंक ने एकमात्र इस्लामिक वैश्विक समन्वयक के रूप में काम किया, जबकि स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक इसके प्रमुख प्रबंधक रहे। अन्य वित्तपोषकों में अबू धाबी इस्लामिक बैंक, शारजाह इस्लामिक बैंक, अजमान बैंक और एचबीएल शामिल हैं। इन सभी ने मिलकर 1 अरब डॉलर का लोन दिया है।
वित्त मंत्रालय ने एडीबी (एशियाई विकास बैंक) कार्यक्रम ‘उन्नत संसाधन संग्रहण एवं उपयोग सुधार’ की नीति-आधारित गारंटी द्वारा आंशिक रूप से गारंटीकृत 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ‘सिंडिकेटेड टर्म फाइनेंस’ सुविधा पर हस्ताक्षर किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने करीब ढाई वर्ष के बाद पश्चिम एशिया वित्तीय बाजार में सफलतापूर्वक प्रवेश किया जो राजकोषीय स्थिरता में बाजार के नए भरोसे और पाकिस्तान के व्यापक आर्थिक संकेतकों में समग्र सुधार का संकेत देता है। यह लेन-देन पश्चिम एशिया के बैंकों के साथ पाकिस्तान सरकार की नई साझेदारी की शुरुआत का भी प्रतीक है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री के सलाहकार खुर्रम शहजाद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘पाकिस्तान को एडीबी समर्थित गारंटी और पश्चिम एशिया के बैंकों के मजबूत समर्थन से एक अरब अमेरिकी डॉलर का ऐतिहासिक वित्तपोषण प्राप्त हुआ है। इस महीने की शुरुआत में फिलीपीन स्थित बैंक ने पाकिस्तान में राजकोषीय स्थिरता को मजबूत करने और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए 80 करोड़ डॉलर के कार्यक्रम को मंजूरी दी थी।