नई दिल्ली (नेहा): आपने शायद सुना होगा कि दुनिया के कुछ देशों में यात्रा करने के लिए वीजा या पासपोर्ट नियम बहुत सख्त होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तानी नागरिक सीधे इजराइल की धरती पर कदम नहीं रख सकते? यह सिर्फ कागजों की बात नहीं है, बल्कि राजनीतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक कारणों से जुड़ा एक ऐसा प्रतिबंध है, जो हर पाकिस्तानी नागरिक के लिए इजराइल की यात्रा को नामुमकिन बना देता है।
पाकिस्तान और इजराइल के बीच कोई आधिकारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं। पाकिस्तान ने इजराइल को एक स्वतंत्र और मान्यता प्राप्त देश के रूप में कभी स्वीकार नहीं किया है। इसके पीछे मुख्य कारण है फिलिस्तीनी आंदोलन का समर्थन और मध्य पूर्व में राजनीतिक संतुलन बनाए रखना। पाकिस्तान के लिए इजराइल को मान्यता देना, उसके अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दृष्टिकोण और देश की नीतियों के विपरीत होगा।
जब कोई पाकिस्तानी नागरिक अपने पासपोर्ट को देखता है, तो उसके फ्रंट पर यह चेतावनी साफ दिखाई देती है कि Not Valid for Israel यह न केवल चेतावनी है, बल्कि कानूनी प्रतिबंध का प्रतीक भी है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति इजराइल की यात्रा करने के लिए वीसा या अन्य दस्तावेज नहीं प्राप्त कर सकता है। यदि कोई प्रयास करता भी है, तो उसे यात्रा के दौरान या एंट्री गेट पर रोका जा सकता है।
यात्रा पर यह प्रतिबंध सिर्फ देश के अंदर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असर डालता है। कई बार पाकिस्तानी नागरिकों को तीसरे देशों के रास्ते इजराइल जाने का प्रयास करना पड़ता है, लेकिन आधिकारिक तौर पर यह नियम उन्हें रोकता है। राजनीतिक और धार्मिक कारणों के चलते, यह नीति पाकिस्तान की विदेश नीति का हिस्सा बन चुकी है। यह प्रतिबंध पाकिस्तान और इजराइल के बीच न केवल राजनयिक दूरी को दर्शाता है, बल्कि मध्य पूर्व में फिलिस्तीनियों के समर्थन की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है।
इस नीति के चलते, पाकिस्तान और इजराइल के नागरिकों के बीच यात्रा संबंध बेहद सीमित और औपचारिक हैं। हालांकि, दुनिया में कई देश हैं जिनके नागरिक इजराइल जा सकते हैं, पाकिस्तान इस मामले में एक अलग नियम अपनाता है. यह प्रतिबंध नागरिकों के लिए कठिनाइयां तो पैदा करता है, लेकिन पाकिस्तान की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय रणनीति में इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है।


