नई दिल्ली (पायल): नेपाल की प्रमुख कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (CPN-UML) के 11वें महाधिवेशन में मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई है। पार्टी के केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, इस चुनाव में 98.40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। बुधवार सुबह करीब 9:15 बजे शुरू हुआ मतदान गुरुवार सुबह 6 बजे तक चला। कुल 2,227 प्रतिनिधियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 36 प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे। चुनाव आयोग ने बताया कि यदि कोई तकनीकी या राजनीतिक अड़चन नहीं आई, तो मतगणना सुबह 10 बजे शुरू हो गई। मतदान समाप्त होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) को लॉक कर जांच की गई और सील किया गया। सभी पक्षों की सहमति के बाद ही मतगणना शुरू होगी।
UML के प्रतिनिधि विभिन्न क्षेत्रों, जातीय समूहों और भौगोलिक क्लस्टरों से 301 केंद्रीय समिति सदस्यों का चुनाव करेंगे। जबकि पार्टी नियमों के उल्लंघन के कारण दो उम्मीदवारी रद्द कर दी गईं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, ओली की लोकप्रियता को उस समय झटका लगा जब उन्होंने जुलाई पिछले साल से एक वर्ष तक UML-कांग्रेस गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। इसके बाद सितंबर में जेन-ज़ी आंदोलन के चलते उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा। महाधिवेशन से पहले ओली पर आरोप लगे कि उन्होंने पार्टी के भीतर विरोधियों को हाशिये पर डालने की कोशिश की पूर्व राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, ईश्वर पोखरेल और उनके समर्थकों को दबाने का प्रयास किया। इसका नतीजा यह हुआ कि ओली खेमे के कई वरिष्ठ नेता बागी हो गए। कुछ ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा तो कुछ ईश्वर पोखरेल गुट में शामिल हो गए।
UML नेताओं का मानना है कि जनरल सेक्रेटरी पद पर कड़ा मुकाबला होगा। शंकर पोखरेल का पिछला कार्यकाल “औसत” माना जा रहा है। उन्हें ओली खेमे का पूरा समर्थन भी नहीं मिल पा रहा। पार्टी के भीतर चर्चा है कि उपाध्यक्ष बिष्णु पौडेल और उप-महासचिव प्रदीप ज्ञवाली उन्हें बदलना चाहते थे, लेकिन ओली इसके लिए राजी नहीं हुए। सोमवार और मंगलवार को भृकुटीमंडप क्षेत्र में हजारों UML कार्यकर्ता जुटे। सड़कों पर पोस्टर, पर्चे, बैनर और विजिटिंग कार्ड बिखरे दिखे । सोशल मीडिया और मोबाइल मैसेज के जरिए भी वोट मांगे गए।


