नई दिल्ली (नेहा): भारत और रूस के बीच रिश्ते एक बार फिर सुर्खियों में हैं। रूस से सस्ता तेल और S-400 हथियार प्रणाली की नई डील की खबरें सामने आ रही हैं। यह सब तब हो रहा है, जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिए हैं, क्योंकि भारत रूस से तेल और हथियार खरीद रहा है। यह खबर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के एससीओ समिट में मुलाकात के बाद सामने आई है। रूस ने भारत को सस्ते दामों पर तेल की पेशकश की है। खबर है कि रूस का यूराल क्रूड तेल अब ब्रेंट क्रूड से 3-4 डॉलर सस्ता है।
यह छूट सितंबर और अक्टूबर में लोड होने वाले तेल के लिए है। पहले यह छूट 2.50 डॉलर थी और जुलाई में केवल 1 डॉलर तक थी। रूस से भारत को तेल की आपूर्ति सितंबर में 10-20% बढ़ सकती है, यानी हर दिन 1.5 से 3 लाख बैरल ज्यादा तेल आएगा। वहीं दोनों देश सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल रूसी S-400 सिस्टम की आपूर्ति बढ़ाने पर बातचीत कर रहे हैं। TASS समाचार एजेंसी ने मंगलवार देर रात एक वरिष्ठ रूसी रक्षा निर्यात अधिकारी के हवाले से बताया है।
TASS ने रूस की संघीय सैन्य-तकनीकी सहयोग सेवा के प्रमुख दिमित्री शुगायेव के हवाले से कहा, “भारत के पास पहले से ही हमारी S-400 प्रणाली है। इस क्षेत्र में भी हमारे सहयोग का विस्तार करने की संभावना है। इसका मतलब है कि नई आपूर्तियां। फ़िलहाल, हम बातचीत के फेज में हैं।” भारत के लिए सस्ता तेल बड़ा फायदा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। सस्ता तेल मतलब कम खर्च, जिससे पेट्रोल-डीजल के दाम काबू में रह सकते हैं। लेकिन यह डील अमेरिका को रास नहीं आएगी, वह भी ऐसे वक्त में जब उसने रूस से तेल खरीदने पर पहले ही भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर पुतिन की जंग में मदद कर रहा है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने भारत पर “मुनाफाखोरी” का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भारत ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से तेल खरीद बढ़ाई और इसे बेचकर अरबों कमा लिए हैं। ट्रंप ने भी कहा कि भारत रूस से ढेर सारे हथियार और तेल खरीद रहा है, जबकि दुनिया चाहती है कि रूस यूक्रेन में जंग बंद करे।