इस्लामाबाद (नेहा): पाकिस्तान इस समय भारी मानसून बारिश और बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है। देश में अब तक 706 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 965 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत है, जहां अकेले 427 लोगों ने जान गंवाई है। पंजाब में रावी नदी उफान पर है और इसमें 60,000 क्यूसेक से अधिक पानी बह रहा है। रिपोर्टर ने आरोप लगाया कि यह पानी भारत द्वारा छोड़ा गया जिसकी वजह से नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया। प्रशासन ने नदी किनारे के इलाकों को खाली कराने के आदेश दिए हैं।
सिंधु जल संधि के तहत भारत को ब्यास, रावी और सतलुज का पानी उपयोग करने का अधिकार है। पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब की नदियों का पानी मिलता था। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने संधि को रद्द कर दिया था। इसी वजह से पाकिस्तान अब भारत पर बाढ़ का दोष मढ़ रहा है। पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 24 और मौतें दर्ज की गई हैं। सेना राहत और बचाव कार्यों में जुटी है।
9 राहत शिविरों के जरिए अब तक 6,900 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया। अब तक 25,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। सेना के हेलीकॉप्टर लगातार राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता पहुँचा रहे हैं। पाकिस्तान मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले 24 घंटों में देश के ज्यादातर हिस्सों में *तेज हवाओं और भारी बारिश* का खतरा बना हुआ है।