नई दिल्ली (नेहा): सऊदी अरब ने बिना हज परमिट के 2 लाख 69 हजार से अधिक लोगों को मक्का में प्रवेश करने से रोक दिया है। अधिकारियों ने रविवार, 1 जून 2025 को बताया कि उनका मकसद हज के दौरान भीड़ को नियंत्रित करना है ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। सऊदी अरब की सरकार का कहना है कि बिना परमिट के मक्का आने वाले तीर्थयात्रियों की वजह से भीड़भाड़ बढ़ती है और इससे खतरे की स्थिति बनती है। पिछले साल गर्मी के मौसम में भी बड़ी संख्या में बिना परमिट हज करने आए श्रद्धालुओं की वजह से मौतें हुई थीं। ऐसे लोगों पर 5,000 डॉलर तक का जुर्माना और उन्हें सऊदी अरब से निर्वासित भी किया जा सकता है।
हज के नियमों के अनुसार, केवल वे लोग हज कर सकते हैं जिनके पास परमिट हो। इसमें सऊदी अरब के नागरिक और वहां के स्थायी निवासी भी शामिल हैं, भले ही वे पूरे साल मक्का में रहते हों। अधिकारियों ने हज नियमों का उल्लंघन करने वाले 23 हजार से अधिक सऊदी नागरिकों पर जुर्माना लगाया है और लगभग 400 हज कंपनियों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, मक्का में फिलहाल आधिकारिक तौर पर लगभग 14 लाख मुसलमान मौजूद हैं, और हज के दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है। हज, मक्का की सालाना इस्लामी तीर्थयात्रा है जिसमें कई धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। मुस्लिम धर्म के अनुसार, हर सक्षम व्यक्ति के लिए हज करना जरूरी होता है।
हाल के वर्षों में सऊदी अरब में बढ़ती गर्मी की वजह से हज यात्रा प्रभावित हुई है। तीर्थयात्री दिन में तेज धूप और गर्मी में खुले मैदानों में अनुष्ठान करते हैं, जिससे मुश्किलें बढ़ जाती हैं। हज के दौरान कभी-कभी भगदड़ जैसी घटनाएं भी होती हैं, क्योंकि 20 लाख से ज्यादा लोग लगभग पांच दिनों की इस यात्रा के लिए सऊदी अरब आते हैं। सऊदी सरकार ने हज के दौरान सुरक्षा बढ़ाने के लिए निगरानी और निरीक्षण के साथ-साथ ड्रोन का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। ड्रोन की मदद से आग बुझाने और भीड़ पर नजर रखने का काम किया जाएगा, ताकि तीर्थयात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित हो सके।