नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। सरकारी अस्पताल की महिला डॉक्टर ने ड्यूटी से तीन साल तक अनधिकृत रूप से गायब रही। खास बात है कि इस दौरान भी वह सैलरी उठाती रही। खास बात है कि इस दौरान महिला कनाडा में रह रही थी। मामला सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महिला डॉक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके साथ ही महिला डॉक्टर के खिलाफ को विभागाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। इसके साथ ही शिकायत मिलने के बाद सैलरी भी रोक दी गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जीबी पंत अस्पताल में बायो केमिस्ट्री डिपार्टमेंट की पूर्व प्रमुख डॉ. मंजू सब्बरवाल को नोटिस जारी किया है।
नोटिस में करीब तीन साल तक ड्यूटी से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने और इस दौरान वेतन लेने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। दूसरी तरफ महिला डॉक्टर ने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में खुद को कनाडा में रहने वाली एक फिल्मेकर बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार डॉ. मंजू सुब्बरवाल को 28 जुलाई को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में महिला डॉक्टर से पूछा गया था कि छुट्टी लेने वाले सरकारी अधिकारियों से संबंधित नियमों और रेगुलेशन का पालन न करने के लिए कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए। इसमें यह भी पूछा गया कि अनधिकृत अनुपस्थिति को सेवा में विराम क्यों न माना जाए।
साथ ही इस अवधि के दौरान वितरित भत्ते और वेतन की वसूली क्यों न की जाए। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच अवधि के दौरान सब्बरवाल की भारत यात्राओं की जानकारी के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) से भी जानकारी मांगी है। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल ने इस मामले में एक आरोपपत्र भी तैयार कर लिया है, जो मंत्रालय को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि सुब्बरवाल को लगभग एक महीने पहले विभागाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।