नई दिल्ली (नेहा): नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रह चुकीं सुशीला कार्की आज देश की अंतरिम पीएम बनेंगी। कल आंदोलन से जुड़े 5000 Gen-Z युवाओं ने वर्चुअल मीटिंग की, जिसमें उनके नाम पर सहमति बन गई।
काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अब देश अंतरिम सरकार के पास जा रहा है, जो देश में नए चुनाव कराएगी। इस अंतरिम सरकार का काम चुनाव कराना और देश को नया जनादेश देना है।
वहीं, नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने नाम लिए बिना तख्तापलट के लिए भारत को दोष दिया है। उन्होंने कहा कि राम नेपाल में जन्में थे और लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा हमारा है। मैं इन बयानों से पीछे हट जाता तो मुझे और मौके मिलते।
सुशीला कार्की किसान परिवार में जन्मीं हैं और 7 भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर बनें। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स किया है। उन्होंने 1979 में वकालत में अपना करियर शुरू किया।
सुशीला कार्की 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश थीं। 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग लाया गया था। सुशीला कार्की पर पूर्वाग्रह और कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगा था।
सुशीला ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में फैसले दिए हैं। इनमें 2012 में पूर्व सूचना मंत्री जयप्रकाश गुप्ता को भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराना प्रमुख है। डीआईजी जयबहादुर चंद की डीजीपी के रूप में नियुक्ति को रद्द किया। कोर्ट ने इसे सरकार की मनमानी और नियमों के खिलाफ बताया था।