नई दिल्ली (पायल): अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी सेना ने कैरीबियाई सागर और वेनेज़ुएला के तट के पास एक जोड़ी सुपरसोनिक और भारी बमवर्षक विमान उड़ाए। यह उड़ान उस यात्रा के एक हफ्ते बाद हुई, जब अमेरिकी बमवर्षकों का एक और समूह प्रशिक्षण अभ्यास के हिस्से के रूप में इसी क्षेत्र में उड़ान भरा था ताकि हमले की नक्कल की जा सके। अमेरिकी मिलिट्री ने करीबियाई और वेनेजुएला के तट के पास असामान्य रूप से बड़ी तैनाती की है। ऐसे में इस बात की अटकलें बढ़ी हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का शासन को मुश्किलों में डाल सकते हैं। मादुरो पर यूएस में नशीले पदार्थों और आतंकवाद से जुड़ी मामलें भी दर्ज हैं।
अमेरिकी सैन्य जहाजों के अनुसार, सितंबर के शुरू से अमेरिका ने वेनेजुएला के तट के पास उन नावों पर घातक हमले भी शुरू किए हैं जिन पर खुद ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ड्रग तस्करी हो रही है। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इन नौसैनिक और हवाई अभियानों में अब तक कम से कम 37 लोग मारे जा चुके हैं। हाल के हमलों में कुछ लोगों की मौत की सूचना मिली है। पेंटागन के अधिकारी पीट हेगसेथ ने कहा कि नौवीं हवाई हमले में तीन लोग मारे गए, जबकि पिछले हमले में दो लोग मारे गए थे।
वहीं मामले में जब ट्रंप से बी-1 उड़ान और वेनेजुएला पर सैन्य दबाव बढ़ाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह झूठ है, पर हम वेनेजुएला से कई कारणों से खुश नहीं हैं, ड्रग्स उनमें से एक कारण है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके पास नावों पर हमले करने का कानूनी अधिकार है और उन्होंने संकेत दिया कि जमीन पर भी ऐसे हमले किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम जब वे जमीन के रास्ते आएंगे तो हम उन पर बहुत कड़ी चोट करेंगे, हम पूरी तरह तैयार हैं और शायद हम बाद में कांग्रेस को बताएंगे कि हमने क्या किया।


