वॉशिंगटन (नेहा): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कारोबारी एलन मस्क लंबे समय बाद एक बार फिर साथ देखे गए हैं। वन बिग ब्यूटीफुल विधेयक पर तनातनी के चलते अलग हुए ट्रंप और मस्क चार महीने से ज्यादा समय बाद एक मंच पर आए हैं। यह अमेरिका के एरिजोना में चार्ली किर्क की स्मृति सभा में हुआ। किर्क की 10 सितंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रविवार को हुई उनकी श्रद्धांजलि सभा में ट्रंप और मस्क दोनों आए। इस दौरान दोनों ने हाथ मिलाते हुए साथ बैठकर बातचीत की।
एरिजोना के ग्लेनडेल शहर स्थित स्टेट फार्म स्टेडियम में किर्क की याद में बड़ी सार्वजनिक सभा की गई। टर्निंग पॉइंट यूएसए के संस्थापक चार्ली को याद करते हुए मस्क और ट्रंप कैमरे पर हाथ मिलाते देखे गए। श्रद्धांजलि सभा के लिए बने मंच से ट्रंप और मस्क की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं। इसमें ट्रंप और मस्क बुलेटप्रूफ शीशे के पीछे बराबर-बराबर में बैठे हुए और बात करते देखे जा रहे हैं। इस साल मई में झगड़े के बाद पहली बार दोनों एक साथ दिखे हैं। ऐसे में कई लोगों ने सोशल मीडिया पर पूछा है कि क्या दोनों के बीच कड़वाहट कम हो गई है।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली कारोबारियों में शुमार एलन मस्क ने बीते साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था। चुनाव के समय और उसके बाद भी दोनों घनिष्ठ सहयोगियों की तरह एक मंच पर दिखते थे। हालांकि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के कुछ महीने के बाद ही बिग ब्यूटिफुल बिल के मुद्दे पर दोनों में मतभेद हो गए। ट्रंप इस बिल के समर्थन और मस्क विरोध में उतर गए। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की और जमकर निशाना साधा।
10 सितंबर को यूटा के ओरेम स्थित यूटा वैली यूनिवर्सिटी (यूवीयू) परिसर में एक सेशन के दौरान चार्ली किर्क की हत्या कर दी गई थी। शूटर ने भारी भीड़ के बीच चार्ली की गर्दन में गोली मार दी थी। उनकी हत्या का आरोप 22 वर्षीय टायलर रॉबिन्सन पर लगा है। जांच एजेंसी का कहना है कि उसने अपने पार्टनर को मैसेज करके कहा था कि उसने किर्क की हत्या इसलिए की क्योंकि वह उससे बहुत नफरत करता था।
डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी और राइट विंग इंफ्लुएंसर चार्ली किर्क काफी समय से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय थे। चार्ली कर्क ने 2012 में सिर्फ 18 साल की उम्र में टर्निंग पॉइंट यूएसए (TPUSA) की स्थापना की, जो अमेरिका का प्रमुख कंजर्वेटिव छात्र संगठन है। इस संगठन ने 2024 के चुनाव में युवा कंजर्वेटिव वोटरों को एकजुट किया। इसने ट्रंप की जीत में योगदान दिया।