नई दिल्ली (नेहा): अमेरिका के अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मीटिंग हुई। इस मुलाकात ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। ट्रंप ने इस बैठक को ‘उपयोगी’ बताया और कहा कि यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए कई मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। लेकिन इस हाई-प्रोफाइल मीटिंग का सबसे दिल छूने वाला पल था, जब ट्रंप ने अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप का एक ‘शांति पत्र’ पुतिन को सौंपा।
मेलानिया, जो स्लोवेनिया में जन्मी हैं, इस यात्रा पर नहीं गईं थीं, लेकिन उन्होंने पत्र के जरिए पुतिन से अपील की कि अब समय आ गया है कि बच्चों और आने वाली पीढ़ियों की रक्षा की जाए। दरअसल यह पत्र यूक्रेन के उन आरोपों के बाद लिखा जा रहगा है, जिसके मुताबिक 19,500 से ज्यादा यूक्रेनी बच्चों का अपहरण कर लिया गया है।
पत्र की शुरुआत में उन्होंने लिखा, ‘प्रिय राष्ट्रपति पुतिन, हर बच्चा अपने दिल में एक जैसा सपना संजोता है, चाहे वह गांव में पैदा हो या शहर की चमक-दमक में. वे प्यार, संभावनाओं और खतरे से सुरक्षा के सपने देखते हैं।’ मेलानिया ने माता-पिता और नेताओं की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा, ‘माता-पिता के रूप में हमें अगली पीढ़ी की उम्मीदों को पालना है। नेताओं के रूप में, हमारी जिम्मेदारी कुछ लोगों की सुविधा से आगे जाती है। हमें एक सम्मानपूर्ण दुनिया बनानी होगी, जहां हर कोई शांति में जागे और भविष्य सुरक्षित हो।’
पत्र में उन्होंने राजनीति से ऊपर बच्चों की मासूमियत का जिक्र किया. उन्होंने लिखा, ‘यह एक साधारण लेकिन गहरा विचार है, मिस्टर पुतिन, कि हर पीढ़ी के बच्चे भूगोल, सरकार या विचारधारा से ऊपर मासूमियत के साथ जीवन शुरू करते हैं।’ उन्होंने आगे लिखा कि आज की दुनिया में कुछ बच्चे अंधेरे में भी हंसते हैं, लेकिन मिस्टर पुतिन, आप अकेले उनकी यह खुशी वापस ला सकते हैं। मेलानिया ने कहा, ‘इन बच्चों की मासूमियत बचाकर आप सिर्फ रूस नहीं, पूरी मानवता की सेवा करेंगे। यह एक साहसिक विचार है, जो सभी विभाजनों से ऊपर है, और आप इसे आज ही अपनी कलम से लागू कर सकते हैं। अब समय आ गया है।’