नई दिल्ली (नेहा): कभी भारतीयों के लिए सपनों का देश माना जाने वाला अमेरिका अब एक बुरा ख्वाब बनता जा रहा है। खबर है कि अमेरिका 7,000 से ज्यादा ट्रक चालकों की नौकरी चली गई है। सबसे ज्यादा खतरा भारतीय मूल के ट्रक चालकों पर मंडरा रहा है, क्योंकि इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा दांव खेला है जो सीधे तौर पर भारतीयों की बोली पर असर डाल रहा है। इससे पहले ट्रंप ने वीजा नियमों को कड़ा करके और नए हायरिंग एक्ट के जरिये भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना मुश्किल बना दिया है।
अमेरिका की ट्रांसपोर्ट सचिव सीन डफी ने बताया कि 7,248 कॉमर्शियल ट्रक ड्राइवर्स को अक्टूबर से ‘आउट ऑफ सर्विस’ कर दिया गया है। यह छंटनी ट्रंप प्रशासन की ओर से लागू किए गए अंग्रेजी भाषा दक्षता के नए मानकों में फेल होने के बाद की गई है। अमेरिका का ट्रांसपोर्ट विभाग ऐसे ट्रक ड्राइवर्स को ही जॉब की अनुमति देता है, जो अंग्रेजी भाषा को अच्छे से समझते और बोलते हैं. ऐसा नहीं होने पर उन्हें सेवा से हटा दिया जाता है। यह कवायद ट्रंप प्रशासन की ओर से अमेरिका की सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाने के कदम का हिस्सा है।
डफी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत अप्रैल महीने में ही एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था और ट्रांसपोर्ट विभाग इसी का पालन कर रहा है। इस आदेश में अंग्रेजी को अमेरिका की आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा घोषित किया गया है और पेशेवर ड्राइवरों के लिए इसकी जानकारी आवश्यक बनाई गई है। इस आदेश में साफ कहा गया है कि बिना अंग्रेजी भाषा की अच्छी जानकारी के पेशेवर ड्राइवरों को सर्विस करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ट्रंप ने यह आदेश 1 मार्च, 2025 को जारी किया था।


			