नई दिल्ली (पायल): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस पर लगाए गए ताजा प्रतिबंधों को लेकर रूस की प्रकिक्रिया को खारिज किया है। ट्रंप ने दावा किया कि रूसी राष्ट्रपति चाहें, जो भी कहें, लेकिन इन प्रतिबंधों का वास्तविक असर अगले 6 महीने में देखने को मिलेगा।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की रूसी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर बैन की आलोचना का जवाब दिया। हाल में ही रूस राष्ट्रपति ने दावा किया था कि ट्रंप के इस कदम से मॉस्को पर कोई खास गहरा असर नहीं होने वाला है।
गुरुवार को पत्रकारों से बात करने के दौरान ट्रंप से रूसी राष्ट्रपति के बैन की आलोचना करने के बारे में पूछा गया। इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि मुझे खुशी है कि वह ऐसा महसूस करते हैं। मैं आपको इसके बारे में छह महीने में बताऊंगा। देखते हैं कि यह सब कैसे होता है।
गौरतलब है कि व्लादिमीर पुतिन में रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर यूएस सेंक्शन के संभावित असर को नजरअंदाज किया और कहा कि इसका कोई खास प्रभाव रूस की अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ने वाला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूसी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर बैन लगा दिया है। इस बैन पर पुतिन ने कहा कि यह बेशक रूस पर दबाव डालने की कोशिश है, लेकिन कोई भी सेल्फ-रिस्पेक्टिंग देश और कोई भी सेल्फ-रिस्पेक्टिंग लोग कभी भी दबाव में कुछ भी तय नहीं करते हैं।
उधर, व्हाइट हाउस में रिपोर्टर्स से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि हमने रूस के राष्ट्रपति के साथ बैठक रद कर दी है। मुझे यह ठीक नहीं लगा। ट्रंप ने कहा कि इस फैसले के बाद ऐसा नहीं लगा कि उस जगह तक पहुंच पाएंगे, जहां हमें पहुंचना था। यही कारण है कि मैंने मीटिंग को कैंसिल कर दिया। हालांकि, भविष्य एक जरूर मिलेंगे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर बैन लगा दिया है। इस बैन को रूस ने अनफ्रेंडली कदम करार दिया है। वहीं, कहा कि इससे वाशिंगटन के साथ रिश्ते बेहतर नहीं होंगे।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि नए बैन का रूस की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है। वहीं, रशिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, आत्मसम्मान को सबसे पहले रखने वाला कोई भी देश किसी दबाव में कुछ नहीं करता है।
वहीं, इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोनिल लेविट ने कहा कि नए बैन लगाना सही है और ये काफी आवश्यक था। यह रूस-यूक्रेन के बीच संभावित शांति डील पर धीमी प्रगति पर निराशा दिखाता है।


