नई दिल्ली (नेहा): उत्तर कोरिया में ऐसी-ऐसी चीजें होती हैं, जो दुनिया में कहीं नहीं होगी। किम जोंग उन को दुनिया सनकी तानाशाह ऐसे ही नहीं कहती। किम ने जो सोच लिया, वही उत्तर कोरिया के लिए पत्थर की लकीर है, भले ही ये बेहद बेवकूफी भरा फैसला हो। अब किम जोंग उन के हालिया फैसले को ही देख लीजिए। किम ने उत्तर कोरिया में आइसक्रीम शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। किम जोंग उन को लगता है कि ये शब्द विदेशी प्रभाव वाला है। आइसक्रीम की जगह अब उत्तर कोरिया के लोगों को एसेउकिमो या ईओरेम्बोसुंगी बोलना पड़ेगा।
उत्तर कोरिया में हमेशा से ही पश्चिमी सभ्यता और दक्षिण कोरियाई शब्दों को हटाने का व्यापक अभियान चला आ रहा है। ऐसा नहीं है कि किम जोंग उन को सिर्फ आइसक्रीम शब्द से समस्या है। कई ऐसे शब्द हैं, तो उत्तर कोरिया में पहले से बैन हैं। हैमबर्गर और कराओके मशीन इस बैनिंग लिस्ट में शामिल हैं। हैमबर्गर दुनियाभर में बेहद प्रचलित शब्द है, लेकिन उत्तर कोरिया में इसे बोलना प्रतिबंधित है। इसकी जगह वहां दाजिन-गोगी ग्योप्पांग कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ डबल ब्रेड विद ग्राउंड बीफ होता है। वहीं कराओके मशीनों को ऑन स्क्रीन अकॉम्पनिमेंट मशीन कहा जाता है।
बता दें कि उत्तर कोरिया समुद्र तटीय शहर वॉनसन को एक लक्जरी रिसॉर्ट केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है। इसे अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का केंद्र बनाने की कोशिश है। इसी क्रम में 20 से 30 लोगों को टूर गाइड के तौर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन गाइड को विदेश शब्दों के इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है।