नई दिल्ली (नेहा): पाकिस्तान की सीमा हैदर और उसके पति सचिन के नाम पर बड़ा खेल हुआ है। यह खेल करोड़ों का है. इसे देखकर अब ईडी के भी कान खड़े हो गए हैं। जी हां, 650 करोड़ के फर्जी ITC घोटाला मामले में हुई ईडी की एंट्री हो गई है. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने 650 करोड़ रुपए के फर्जी तरीके से किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाला मामले में बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने फेक इनपुट चैक्स क्रेडिट कांड में दिल्ली, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
जांच एजेंसी के मुताबिक, यह कार्रवाई उन आरोपियों और कंपनियों के खिलाफ है, जो गलत तरीके से फर्जी कंपनियों, शैल कंपनियां बनाकर और कागजों में फर्जीवाड़ा करके टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को अंजाम देते रहे हैं। इसलिए इस मामले में जांच एजेंसी ईडी ईटानगर स्थित जोनल ऑफिस की टीम की ओर से इनपुट्स को इकठ्ठा करके 11 सितंबर की सुबह करीब पांच बजे से ही सर्च ऑपरेशन में जुट गई। सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी अहम सबूतों को इकठ्ठा किया गया और जल्द ही इस मामले में कई आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
करीब 650 करोड़ के ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाला’ मामले में कई हवाला कारोबारी, फर्जी तरीके से बनाए गए कंपनियों के निदेशक और इस घोटाला को अंजाम देने आरोपी जांच एजेंसी के रडार पर हैं। इन लोगों ने असली में कारोबार किए बिना ही फर्जी बिल बनाकर सरकार से करीब 650 करोड़ रुपए का टैक्स का फायदा उठा लिया। जांच एजेंसी को शक इस बात पर भी है कि इन पैसों का इस्तेमाल हवाला और दूसरे अन्य अवैध कारोबार में किया गया है। इस मामले की पड़ताल कई बातें सामने आई हैं। मसलन साल 2024 में बिहार के दरभंगा जिले में रहने वाले दो चार्टड अकाउंटेंड को भी अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
उस पर करीब 100 करोड़ के ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाला’ करने आरोप लगा था. ये दोनों गिरफ्तार आरोपी आशुतोष झा और विपिन झा आपस में भाई हैं। इन दोनों आरोपियों ने तो पाकिस्तान मूल की रहने वाली सीमा हैदर और उसके भारतीय पति सचिन के नाम से भी फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया था। अरुणाचल प्रदेश के इटानगर में राहुल जैन की सिद्धिविनायक ट्रेड मर्चेंट नाम की कंपनी चलती है। इन दोनों चार्टड अकाउंटेंड भाइयों ने सीमा हैदर और उसके पति सचिन का फोटो लगाकर एक फर्जी आईडी से इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले को अंजाम दिया था। उन दोनों ने मिलकर राज्य सरकार के करीब 99.21 करोड़ रुपए का गबन कर लिया था, उसके बाद स्थानीय पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था।