नई दिल्ली (राघव): दिल्ली पुलिस ने शहर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए हाल ही में 5 नाबालिगों समेत कुल 13 घुसपैठियों को हिरासत में लिया है। दो साल से भारत में रह रहे इन लोगों के पास पुलिस को यहां रहने के वैध दस्तावेज नहीं मिले। पुलिस ने बताया कि इन सभी लोगों को बाहरी दिल्ली के औचंदी गांव में चलाए गए एक विशेष अभियान के दौरान हिरासत में लिया गया। वहीं इन घुसपैठियों ने भारत में घुसने का जो तरीका बताया, उसे जानकर हर कोई हैरान हो रहा है। उन्होंने बताया कि कितनी आसानी के साथ वे भारत में आ गए और राजधानी दिल्ली तक पहुंच गए।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कार्रवाई के दौरान बांग्लादेश के खुदीग्राम के रहने वाले मोहम्मद रफीकुल (50), खोटेजा बेगम (41), मोहम्मद अनवर हुसैन (37), मोहम्मद अमीनुल इस्लाम (28), जोरिना बेगम (27), अफरोजा खातून (25), मोहम्मद खाखोन (20), हस्ना (19) समेत 5 अन्य नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘गांव में रह रहे इन बांग्लादेशी नागरिकों के बारे में विशेष खुफिया जानकारी मिलने के बाद यह अभियान चलाया गया था। एक टीम ने 13 मई को जाल बिछाया और 13 लोगों को हिरासत में लिया।’ उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों ने बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूल की और स्वीकार किया कि उनके पास भारत में रहने की अनुमति देने वाला कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है।
अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए लोगों ने खुलासा किया कि वे दो साल पहले जलील अहमद नामक बांग्लादेशी एजेंट की मदद से भारत में दाखिल हुए थे। वे अपने गांव से बस से भारत-बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे और बिना तार और बाड़ वाले खेतों से होते हुए भारतीय क्षेत्र में घुस गए। वहां से उन्होंने पश्चिम बंगाल के कूच बिहार स्टेशन तक पहुंचने के लिए ऑटोरिक्शा किराए पर लिया।’ आगे उन्होंने बताया, ‘कूच बिहार पहुंचने पर वे वहां से दिल्ली के लिए ट्रेन में सवार हुए और आखिरकार बस से हरियाणा के खरखौदा पहुंचे। उन्हें खरखौदा के सिसाना गांव में एक ईंट भट्टे पर अस्थायी मजदूर के रूप में काम मिल गया। पुलिस ने बताया कि इन लोगों के पास से उनके बांग्लादेशी पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं।