करनाल (नेहा): नगर निगम चुनाव से पहले करनाल में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पहले से ही संगठन की कमी और गुटबाजी से जूझ रही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भगदड़ मच गई है। मनोहर लाल और नायब सिंह सैनी के खिलाफ दो बार करनाल विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके 42 साल पुराने नेता कांग्रेस के जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक खुराना, युवा नेता नीटू मान समेत दर्जनभर नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया। दोनों नेताओं ने मेयर पद के लिए टिकट नहीं मिल पाने के चलते पार्टी छोड़ने का कारण बताया। सुबह पार्टी छोड़ने के बाद शाम को सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में भाजपा का दामन थाम लिया है। मंगलवार सुबह कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। गौर हो कि कांग्रेस ने इस बार मेयर पद के लिए मनोज वधवा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना भी टिकट के दावेदार थे।
पार्टी में हो रही अनदेखी के चलते नेताओं ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी, लेकिन हाईकमान इन नेताओं को समझाने में नाकाम रहा। इससे पहले, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद त्रिलोचन सिंह, खुराना के घर पहुंचे और मुंह मीठा कराके उनका पार्टी में स्वागत किया। कांग्रेस के ही नेता प्रवेश गाबा को भी सीएम घर पर जाकर पार्टी ज्वाइन कराई। देर शाम कांग्रेस, जजपा और आम आदमी पार्टी के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं को पटका पहनाकर सीएम ने भाजपा में उनका स्वागत किया। सुबह त्रिलोचन सिंह, अशोक खुराना, नीटू मान और रानी कांबोज के पार्टी छोड़ने की बात से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज वधवा और लोकसभा के प्रत्याशी रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा सन्न रह गए। आनन फानन में दोनों नेता मॉडल टाउन स्थित त्रिलोचन सिंह के घर और बैंक कालोनी में अशोक खुराना के घर पहुंचे। दोनों के घर पर करीब आधा घंटा तक हुई मुलाकात के बाद भी ने दोनों नेताओं को मनाने में कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद बुद्धिराजा ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा को दी। दोनों ही हुड्डा पिता पुत्र ने त्रिलोचन सिंह से बात की, लेकिन वह मना सके।