नई दिल्ली (राघव): भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कथित आपत्तिजनक पोस्ट के सिलसिले में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने महमूदाबाद को कड़ी नसीहत देते हुए कहा कि आपको सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी के मामले में गिरफ्तारी होने के बाद सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद राहत के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। अली खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। उनकी ओर से मामले पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई गई थी जिस पर कोर्ट ने केस सुनवाई के लिए जल्द ही सूचीबद्ध करने का भरोसा दिलाया था। अली खान ने अपनी गिरफ्तारी को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सोमवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और आगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र किया। सिब्बल ने कहा था कि उन्हें देशभक्ति वाले बयान के लिए गिरफ्तार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी बड़ा मुद्दा बन चुकी है। सोशल मीडिया पर उन्हें समर्थन मिल रहा है। 1,100 से अधिक लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर कर उनकी रिहाई की मांग की है। यही याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई है। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से भाजपा के पूर्व सांसद रितेश पांडेय ने भी प्रोफेसर की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
वहीँ हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने नई दिल्ली में कहा था कि मैं अपने देश की किसी बेटी को झुकने नहीं दूंगी। अपने पद पर रहते हुए न कल झुकने दिया, न आज झुकने दूंगी और न ही आगे नहीं झुकने दूंगी। प्रोफेसर अली खान का नाम लेकर कहा था कि जो भी व्यक्ति इस तरह से देश की बेटियों के नाम पर गद्दारी करेगा, उनके खिलाफ मेरा काम चलता रहेगा।