नई दिल्ली (नेहा): दिल्ली में तिहाड़ जेल में कैदियों की संख्या कम करने की दिशा में वैकल्पिक सुविधाओं के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अधिकारियों ने इस संदर्भ में भूमि की तलाश के लिए भू स्वामित्व वाली कई एजेंसियों के साथ बैठकें भी की हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने बजट भाषण में तिहाड़ जेल के मौजूदा परिसर को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर नए जेल परिसर के विकास के लिए एक नई योजना की घोषणा की थी। एक अधिकारी ने बताया, “सरकार के गृह विभाग ने भूमि व विकास कार्यालय, राजस्व और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जैसी भूमि स्वामित्व एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। अधिकारी मौजूदा सुविधाओं को देखने और कैदियों की भीड़ को कम करने के तरीकों पर विचार करने के लिए अगले सप्ताह तिहाड़ का दौरा करेंगे।”
अधिकारी ने बताया कि दौरे के दौरान वे देखेंगे कि नए जेल परिसरों के बनने तक तिहाड़ में मौजूदा सुविधाओं के हिसाब से भीड़भाड़ को कैसे कम किया जा सकता है। तिहाड़ में कैदियों की क्षमता दोगुनी से भी ज्यादा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तिहाड़ की क्षमता 5,200 कैदियों की है, लेकिन इसमें 12,945 कैदी रहते हैं। तिहाड़ को नौ केंद्रीय कारागारों में से सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक माना जाता है। सरकार ने नरेला में एक नई उच्च सुरक्षा वाली जेल के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस जेल का वास्तुशिल्प डिजाइन अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की ऐतिहासिक ‘सेलुलर जेल’ से प्रेरित होगा।
अधिकारी ने बताया, “नरेला जेल भी तिहाड़ के कैदियों की भीड़ को कम करने का एक हिस्सा है। निविदा जारी होने के बाद हम 21 महीने में जेल तैयार करने की योजना बना रहे हैं।” उन्होंने बताया, “इसके बाद करीब 250 से 300 कुख्यात कैदियों को तिहाड़ से नरेला भेजा जाएगा।” केंद्र ने इस जेल के निर्माण के लिए पहले ही 100 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं और बाकी 40 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार वहन करेगी।