जम्मू (राघव): जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पांच साल में पहली बार सोमवार (2 जून) को उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। इस खास मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैंने कश्मीरी पंडितों की वापसी की मांग की। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने एलजी को एक चिट्ठी दी, जो मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शा को भी भेजी है। उन्होंने कहा कि 74 हजार से अधिक विस्थापित परिवारों में से बहुत सारे वापस आना चाहते हैं और उनको इसमें मदद देनी चाहिए। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का मुद्दा सभी दलों के लिए काफी बड़ा रहा है।
2019 में 370 हटने के बाद पहली बार एलजी से मिलकर महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”वापस आने वाले सभी कश्मीरी पंडितों को उनके गृह जिले में आधा कनाल जमीन दी जाए। जम्मू कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों को दी गई दो नॉमिनेटेड सीट के बदले उनकी सीट आरक्षित की जाए। कश्मीरी पंडितों को सम्मान और शांति के साथ लौटने में मदद मिले। अमरनाथ यात्रा में आम लोगों के साथ भी काम किया जाए।”
उन्होंने कहा, ”उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री) सरकार असेंबली में अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव के बदले ट्यूलिप गार्डन में घूम रहे थे। हमने सब को चिठ्ठी लिखी और अगर उमर सरकार इसको हल्के में ले रही है तो हम क्या कर सकते हैं। कश्मीरी पंडितों की वापसी हमारा पॉलिटिकल एजेंडा होगा और सरकार के साथ साथ हम भी उनकी वापसी के लिए काम करेंगे।” महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”हमने अपने एजेंडा को लाने से पहले कश्मीरी पंडितों से बात की और उनकी सजेशन भी इस में शामिल की है। हम कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीरी समाज में शामिल देखना चाहते हैं।”