देवरिया (नेहा): उत्तर प्रदेश के देवरिया के गौरीबाजार थानाक्षेत्र के उधोपुर गांव में बकरीद के दिन शनिवार को सुबह नमाज अदा कर लौटने के बाद एक वृद्ध ने अपनी कुर्बानी दे दी। बकरी काटने के चाकू से गला रेत लिया। गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान देर शाम मौत हो गई। मौत के बाद चीख-पुकार मच गई। वृद्ध ने एक पत्र में लिखा है, जिसमें इंसान बकरे को अपने बच्चे की तरह पाल पोस कर बड़ा कर कुर्बानी देता वह भी जीव है। कुर्बानी करना चाहिए। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं। यह घटना चर्चा बनी हुई है।
ग्राम उधोपुर निवासी ईश मोहम्मद 60 पुत्र स्व. मोहम्मद बरसाती अंसारी प्रत्येक बकरीद के पूर्व आंबेडकर नगर के किछौछा स्थित सुल्तान सैयद मकदुम अशरफ शाह मजार पर जाते थे। इस बार भी गए थे, जहां से शुक्रवार की दोपहर वापस घर आए। शनिवार को बकरीद पर मस्जिद से सुबह की नमाज अदा करने के बाद करीब दस बजे घर पहुंचे। इसके बाद अपनी झोपड़ी में सोने चले गए। करीब एक घंटे बाद झोपड़ी से कराहने की आवाज सुनकर जब उनकी पत्नी अंदर पहुंची तो वहां का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए।
वह दहाड़े मारकर बेहोश होकर गिर पड़ी। शोर सुनकर गांव वाले दौड़ पड़े। गांव वालों ने देखा कि ईश मोहम्मद अपने गले को बकरा हलाल करने वाले चाकू से काटकर तड़प रहे थे। लोगों ने तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने ईश मोहम्मद को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए देवरिया मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां हालत नाजुक देख प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान देर शाम मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार ईश मोहम्मद ने अंधविश्वास में आकर अपनी बली देने के लिए चाकू से गला रेता था। जिसके लिए परिजनों को आगाह कर ईश मोहम्मद ने बाकायदा पत्र लिखकर बताया है। लिखा है कि इंसान बकरे को अपने बच्चे की तरह पाल पोसकर बड़ा कर कुर्बानी देता, वह भी जीव है। कुर्बानी करना चाहिए, मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं। मेरी मिट्टी या कब्र घबरा कर मत करना, कोई मुझको कत्ल नहीं किया है।
सकून से मिट्टी देना, किसी से डरना नहीं। ईश मोहम्मद के परिवार में पत्नी हजरा खातून, बड़ा बेटा अहमद अंसारी, मझला बेटा मोहम्मद फैज तथा छोटा बेटा ताज मोहम्मद के अलावा उनकी पत्नियां हैं। थानाध्यक्ष नंदा प्रसाद ने बताया कि ईश मोहम्मद अपने मजहब के अनुसार पूजा पाठ करते थे। आज भी वह एकांत में इबादत कर रहे थे। मामले की जांच की जा रही है।