नई दिल्ली (नेहा): भारत के पूर्व स्पिनर दिलीप दोशी का निधन हो गया। 1947 में जन्मे दोशी ने 77 साल की आयु में लंदन में अंतिम सांस ली। उनके निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। दोशी क्रिकेट करियर के बाद एक सफल हिंदी कॉमेंटेटर के तौर पर भी बेहद लोकप्रिय रहे।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 898 विकेट झटकने वाले दोशी ने 238 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 43 बार पांच विकेट लिए। छह बार एक मैच में 10 विकेट झटके। उनके निधन पर सौराष्ट्र क्रिकेट संघ ने कहा कि वे अपने पीछे कौशल, प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता की समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं। हाल ही में दोशी को बीसीसीआई ने एक समारोह में सम्मानित भी किया था। वे इस महीने की शुरुआत में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी शामिल हुए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज दोशी का निधन हृदय संबंधी बीमारियों के कारण हुआ। ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक दोशी बीते कई वर्षों से लंदन में ही रह रहे थे। उनके परिवार में पत्नी कालिंदी, बेटा नयन और बेटी विशाखा हैं। बेटा नयन इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट- सरे और महाराष्ट्र के सौराष्ट्र से क्रिकेट खेल चुका है।
1970 के दशक में 32 साल की आयु में क्रिकेट में पदार्पण करने वाले दिलीप दोशी का अंतरराष्ट्रीय करियर बहुत लंबा नहीं रहा। उन्होंने 1980 के दशक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। दोशी ने अपनी आत्मकथा- स्पिन पंच में क्रिकेट करियर पर विस्तार से बातें की हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 898 विकेट झटकने वाले दोशी ने 238 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 43 बार पांच विकेट लिए। छह बार एक मैच में 10 विकेट झटके।