केरल (नेहा): केरल में निपाह वायरस के बढ़ते मामलों ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने जानकारी दी है कि निपाह वायरस के प्रकोप के कारण कुल 425 लोग निगरानी में रखे गए हैं। इन लोगों में सबसे ज्यादा 228 लोग मलप्पुरम जिले से हैं, जबकि 110 पलक्कड़ और 87 कोझीकोड जिले से हैं। मलप्पुरम में 12 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोझीकोड में निगरानी सूची में शामिल सभी 87 लोग स्वास्थ्यकर्मी हैं। इसी तरह पलक्कड़ में भी 61 स्वास्थ्यकर्मी निगरानी में हैं। पलक्कड़ में एक संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है, जबकि एक अन्य व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह दर्शाता है कि स्वास्थ्यकर्मी भी इस वायरस से काफी प्रभावित हो रहे हैं।
निपाह वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित जिलों में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इनमें बुखार सर्वे, घर-घर जाकर जांच और मानसिक परामर्श जैसी सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है। पलक्कड़ और मलप्पुरम में पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों का रूट मैप भी सार्वजनिक कर दिया गया है ताकि संक्रमण के संभावित संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा सके। इसके अलावा 108 एम्बुलेंस सेवा सहित सभी चिकित्सा सुविधाओं को अलर्ट मोड पर रखा गया है। संक्रमण के स्रोत का पता लगाने के लिए भी प्रयास तेज कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव, राज्य स्वास्थ्य मिशन निदेशक, चिकित्सा शिक्षा निदेशक, जिला कलेक्टर, डीएमओ, पुलिस अधिकारी और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
मलप्पुरम जिले की एक 18 वर्षीय युवती की निपाह संक्रमण से मौत की पुष्टि हुई है। वहीं पलक्कड़ की एक 38 वर्षीय महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। पलक्कड़ जिले में स्वास्थ्यकर्मी अब तक 2,000 से अधिक घरों में जाकर जांच कर चुके हैं, जो संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों को दर्शाता है। सरकार ने आम जनता से सतर्क रहने की अपील की है, खासकर कंटेनमेंट जोन में। लोगों को अनावश्यक रूप से भीड़ न लगाने, N95 मास्क पहनने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, क्वारंटीन के मानकों का सख्ती से पालन करने, बार-बार हाथों को सैनिटाइज करने और सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्यकर्मियों को सूचित करने को कहा गया है। यह सभी उपाय वायरस के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।