सुकमा (राघव): छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार (12 जुलाई, 2025) को एक साथ 23 कट्टर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनके सिर पर 1.18 करोड़ रुपये इनाम रखा गया था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन दंपति भी शामिल हैं। इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने दी।
अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 11 सीनियर कैडर शामिल हैं, जिनमें से ज्यादातर पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 में सक्रिय हैं। इसे माओवादियों का सबसे मजबूत सैन्य संगठन माना जाता है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि वे खोखली माओवादी विचारधारा, निर्दोष आदिवासियों पर नक्सलियों की ओर से किए गए अत्याचारों और प्रतिबंधित संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेदों से निराश हैं।
अधिकारी ने कहा कि लोकेश उर्फ पोडियाम भीमा (35), रमेश उर्फ कलमु केसा (23), कवासी मासा (35), मड़कम हूंगा (23), नुप्पो गंगी (28), पुनेम देवे (30), पारस्की पांडे (22), मदवी जोगा (20), नुप्पो लच्छू (25), पोडियाम सुखराम (24) और दूधी भीमा पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि चार अन्य नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये, एक नक्सली पर 3 लाख रुपये और सात नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था।
चव्हाण ने कहा, “लोकेश एक संभागीय समिति का सदस्य था और आठ अन्य माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के सदस्य थे। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि यह बटालियन कमजोर हो रही है और सुकमा-बीजापुर अंतर-जिला सीमा पर सुरक्षा बलों की ओर से चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आने के कारण इसके सदस्य लगातार नक्सलवाद छोड़ रहे हैं।”
अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कुछ नक्सली आमदई, जगरगुंडा और केरलपाल क्षेत्र की माओवादियों की समितियों में सक्रिय थे। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा।