नई दिल्ली (राघव): दिल्ली में शुक्रवार को राहुल गांधी ने अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर क्षेत्र का दौरा किया। जहां उन्होंने झुग्गी गिराए जाने से परेशान लोगों से बातचीत की। इस दौरान राहुल गांधी ने लोगों ने पूछा कि यह क्षेत्र कितने एकड़ में है? डीडीए ने कितने एकड़ में बुलडोजर चलाया? इस सवाल का भीड़ में से एक व्यक्ति ने जवाब दिया कि 100 एकड़। इसपर राहुल गांधी बोले- “भइया सौ एकड़ तो मैं पैदल चला हूं।” इसके बाद लोगों ने राहुल गांधी के सवाल के बदले अपनी समस्याएं गिनानी शुरू कर दीं। इसका वीडियो कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया ‘X’अकाउंट पर शेयर किया है। जिसपर सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। इसमें कुछ यूजर्स ने तो इसके लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहरा दिया।
कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया ‘X’अकाउंट पर राहुल गांधी का वीडियो शेयर करते हुए लिखा “आज नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर का दौरा किया, जहां डीडीए ने 500 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियां तोड़ दी थीं। राहुल गांधी ने यहां प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें सुनीं और उनका दर्द बांटा।” इसपर पीतांबरा दत्त शर्मा नाम के एक सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा “इनमें से किसी ने जगह को मोल खरीदा है क्या? जो लोग सरकार से मोल प्लॉट खरीद कर टैक्स देकर अपना मकान बनाते हैं, वो तो फिर मूर्ख ही हुए न!? नेतागिरी करनी है तो लोगों को सही रास्ता बताना सीखो।” मुकेश अग्रवाल नाम के एक अन्य यूजर्स ने लिखा “क्या राहुल गांधी आज तक पाकिस्तान से आए विस्थापितों के झोपड़ियों में गए हैं मिलने?”
दरअसल, दिल्ली के अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग और वजीरपुर क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए ने बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें करीब 300 झुग्गियों को तोड़ दिया गया था। इस मामले में डीडीए अधिकारियों ने पूर्व में बताया था कि यहां डीडीए की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा और अतिक्रमण किया गया था। इसके अलावा लोगों ने रेलवे पटरी के पास भी अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया था। इनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार कार्रवाई की गई। इस दौरान अवैध रूप से बनाई गई इमारतों को भी ध्वस्त किया। इस कार्रवाई से पहले लोगों को लगातार नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन लोगों ने स्वतः कब्जा छोड़ने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
डीडीए की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए संजय नामक पीड़ित ने बताया कि वह पिछले दो दशकों से अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग की झुग्गियों में रह रहे हैं। उनके पास आधार कार्ड, वोटर आईडी सहित सभी वैध दस्तावेज हैं, जिन्हें उन्होंने डीडीए को सौंप भी दिया है। बावजूद इसके, उन्हें अब तक स्वाभिमान अपार्टमेंट में कोई फ्लैट आवंटित नहीं किया गया। मंजू नामक एक अन्य निवासी ने बताया कि उनके साथ कई अन्य परिवार भी लंबे समय से वहां रह रहे हैं। इन झुग्गी निवासियों ने अदालत से डीडीए की तोड़फोड़ कार्रवाई पर स्थगन आदेश (स्टे) प्राप्त कर लिया था, जिसके बाद इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उच्च न्यायालय ने लगभग 250 कथित ‘अयोग्य’ झुग्गी निवासियों के मकानों को तोड़ने पर भी रोक लगा दी है।