नई दिल्ली (राघव): दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को बिजनेसमैन और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा और अन्य आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 28 अगस्त को होगी। सूत्रों के अनुसार इस नोटिस का उद्देश्य केस का अदालत की ओर से संज्ञान लेने से पहले संबंधित अभियुक्तों का पक्ष सुनना है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर किया है और राउज एवेन्यू कोर्ट ने एजेंसी को निर्देश दिया है कि वह सभी अभियुक्तों को इसकी कॉपी उपलब्ध कराए। चार्जशीट में ईडी ने तीन व्यक्तियों के अलावा 8 कंपनियों को आरोपी बनाया है।
पिछले हफ्ते ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें उन पर 58 करोड़ रुपये से अधिक के गुरुग्राम भूमि सौदे में ‘अपराध की आय’ जुटाने का आरोप लगाया गया था। सूत्रों के अनुसार ईडी के 11 आरोपियों में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज और प्रमोटर/डायरेक्टर सत्यानंद याजी और के एस विर्क भी शामिल हैं। गांधी परिवार के खिलाफ तीन महीने के अंदर दायर यह दूसरी चार्जशीट है। इससे पहले ईडी ने 17 अप्रैल को वाड्रा की सास और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और उनके साले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड केस मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दायर किया था।
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कई मामलों की जांच चल रही है। ये मामले हरियाणा और राजस्थान में जमीन के सौदों से जुड़ी हैं। ये लैंड डील तब हुए थे, जब वहां कांग्रेस की सरकारें थीं और केंद्र में भी उसकी अगुवाई वाली यूपीए सरकार थी। कथित तौर पर उन्हें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली सरकार से विशेष रियायतें मिलीं, जिसने वाड्रा की प्रॉपर्टी के लिए एग्रीकल्चर से कमर्शियल और रेजिडेंसियल भूमि के रूप में इस्तेमाल की अनुमति दी और इससे उन्हें बहुत फायदा हुआ। इनके अलावा वाड्रा के खिलाफ फरार आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी जांच चल रही है। आरोप है कि वाड्रा को कई डिफेंस डील के बदले भंडारी ने उन्हें लंदन और दुबई में कई प्रॉपर्टी खरीदने में मदद की।