नई दिल्ली (राघव): दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी वालों को पक्का मकान देकर उनके पुनर्वास करने की योजना पर दिल्ली सरकार जोर शोर से कार्रवाई में जुटी है। दूसरी तरफ दिल्ली विकास प्राधिकरण को भी जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) योजना के तहत 2,840 फ्लैटों का निर्माण करना था लेकिन पूर्ववर्ती सरकार में उसको यह राशि आबंटित ही नहीं की गई। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 38.66 करोड़ रुपये आबंटित किए थे जिसको खर्च नहीं करने की स्थिति में अब ब्याज के साथ लौटाना होगा।
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को एक पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने अप्रयुक्त पड़ी राशि को इस्तेमाल करने की अनुमति देने का आग्रह किया था। दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र जारी कर अवगत कराया गया है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण को 2,840 फ्लैट्स के निर्माण करने के लिए 46.32 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता देने की योजना मंजूर की गई थी। इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 38.66 करोड रुपये की राशि पूर्व सरकार को जारी की थी। इस राशि को सरकार द्वारा डीडीए को जारी किया जाना था, लेकिन इसको नहीं किया गया।
पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इस तरह के अपनाए गए रवैये को केंद्रीय मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। दिल्ली के मुख्य सचिव से अब डीडीए को जारी नहीं की गई 38.66 करोड रुपये की राशि को वापस करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही साफ और स्पष्ट कर दिया गया है कि इस केंद्रीय सहायता को ब्याज के साथ वापस किया जाए।
गौर करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा के मानसून सत्र में कई कैग रपट को पेश किया था जिसमें खुलासा किया गया था कि पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में साल 2023-2024 के दौरान 15,327 करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं की। इसमें से 8376.40 करोड़ रुपये की राशि सरेंडर करने में देरी की वजह से लैप्स हो गई थी। वहीं, श्रमिक फंड में 5200 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता राशि भी बिना इस्तेमाल के पड़ी रही। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में निर्भया फंड की राशि के पूरा खर्च नहीं करने का मामला भी पूर्व में चर्चा में रहा है।